गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोनयन, जातकर्म, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्मवेध, यज्ञोपवीत व वेदारम्भ आदि संस्कारों के द्वारा बुद्धिमान, बलवान, ओजस्वी, तेजस्वी, प्रतिभावान एवं वीर सन्तानों के निर्माण हेतु वैदिक सोलह संस्कारों के संबंध में सारगर्भित उपदेश।
सोलह संस्कारों की वैज्ञानिक परम्परा को अपनाकर यदि फिर से धरती पर राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, गौतम, कपिल, जैमिनी, पाणिनि, पतंजलि, स्वामी दयानन्द, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, सरदार भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सरदार पटेल व राम प्रसाद बिस्मिल जैसी महान संतानें पैदा करना चाहते हैं तो एक बार पूज्य स्वामी जी की यह वीसीडी अवश्य देखें।
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