लेखक ने इस पुस्तिका में रचनासमग्र को उस वर्ग की भावनाओं के मद्देनजर चयन तथा प्रस्तुत किया है खास तौर पर जिस वर्ग की अपनी यशवादी सवालों पर आधारित जीवनवृद्धिवादी चेतना विकसित करते हुए इससे पहले मेरे ख्याल में इस प्रकार की कोई रचनाएं प्रकाशित नहीं हुई है। हाँ, युवावर्ग जो असीम प्राणशक्ति से पूर्ण और भविष्य की सभ्यता का निर्माता हैं-से उपयुक्त समय पर सही विज्ञान-आधारित प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकताओं को हम सभी समझते हैं। श्रीश्रीअनुकूलचन्द्र ऐसे ही एक आधुनिक द्रष्टापुरुष हैं, जिन्होंने 'धर्म' को मानव जीवनशैली तथा सभ्यता के प्रत्येक बुनियादी पहलू को एक अत्यावश्यक विज्ञान के रूप में प्रमाणित किया है। इस जीवन-विज्ञान को एक घोर नास्तिक एवं भौतिकवादी भी तार्किक आधार पर नकार नहीं सकता, बल्कि, इसे स्वीकार करने को बाध्य होता है। लेखक ने जो खुद एक युवा हैं इस दृष्टिकोण से युवाओं के लिए ही श्रीश्रीअनुकूलचन्द्रजी की विचारधारा को प्रस्तुत करने का एक निष्ठापूर्वक प्रयास किया है। मेरी समझ से खोजी और तार्किक युवा मन में स्वतः उभरनेवाली विभिन्न सवालों का उत्तर ढूँढ़ने एवं अपने व्यक्तित्व को सुसंगत तथा विस्तारित उच्च लक्ष्य प्राप्ति के लिए तैयार करने में यह मददगार साबित होगी ।
लेखक ने अपने स्तर से श्रीश्रीअनुकूलचन्द्रजी की विचारधारा पर आधारित युवाचिंतन व वर्तमान समस्या, अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी का समाधान, शिक्षानीति, प्राकृतिक श्रमविभाजन यानी वैज्ञानिक वर्णाश्रम, राष्ट्रव्यवस्था वा राजनीति, एकता अखंडता, धर्म-साम्प्रदायिकता, धर्म-विज्ञान, भौतिकवाद-आध्यात्मवाद, स्वास्थ्य-सदाचार, विवाह व सुप्रजनन-विज्ञान, जीवन्त आदर्श और दीक्षा आदि विषयों पर स्वल्प परिसर में तार्किक विश्लेषण देने की निष्ठापूर्वक चेष्टा की है। इसके अलावा इस पुस्तिका के आरंभ में श्रीश्रीअनुकूलचन्द्रजी की संक्षिप्त जीवनी तथा भूमिका के तौर पर लेखक ने (वर्तमान में एक शिक्षक) अपने प्राथमिक युवा अवस्था के जीवन-संघर्ष में श्रीश्रीअनुकूलचन्द्रजी का सक्रिय प्रभाव पर 'विद्रोह से क्रांति की ओर' शीर्षक लेख द्वारा अलग से रोशनी डाला है। इस पुस्तिका से युवावर्ग को अपना दिशानिर्देश पाने में मदद मिलेगी एवं इससे लाभान्वित पाठकों में से अनेकों निश्चित रूप से श्रीश्रीअनुकूलचन्द्रजी के जैसे 21 वीं सदी के अद्भुत और अनंत-आयामी आदर्श-व्यक्तित्व के जीवन और दर्शन के प्रति ज्यादा जानकारी हेतु गहरी रूची दिखाएँगे ।
Hindu (हिंदू धर्म) (12765)
Tantra (तन्त्र) (1023)
Vedas (वेद) (706)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1916)
Chaukhamba | चौखंबा (3358)
Jyotish (ज्योतिष) (1477)
Yoga (योग) (1105)
Ramayana (रामायण) (1386)
Gita Press (गीता प्रेस) (729)
Sahitya (साहित्य) (23272)
History (इतिहास) (8312)
Philosophy (दर्शन) (3425)
Santvani (सन्त वाणी) (2587)
Vedanta (वेदांत) (122)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist