देश में मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इस संख्या में लगातार हो रही इस वृद्धि का मुख्य कारण जीवन शैली में हो रहा आकस्मिक बदलाव है। आराम का जीवन, बढ़ती सुख-सुविधाएँ, खान-पान की अनियमितताएँ और बढ़ता तनाव इस बदलती जीवन शैली के उप-उत्पाद हैं जिसका परिणाम मधुमेह जैसे रोगों के रूप में हमारे सामने आ रहा है।
मधुमेह के बारे में अन्य उपलब्ध पुस्तकों से भिन्न यह पुस्तक "मधुमेह प्रबन्धन के लिए योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा" एक अलग-शैली में लिखी गयी है जो मधुमेह के बारे में एक रोगी एवं सामान्य व्यक्ति की जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास करती है। प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग पद्धतियाँ मधुमेह के उपचार एवं नियंत्रण के एक प्रभावी माध्यम के रूप में उभर कर सामने आयी हैं। प्रस्तुत पुस्तक इन पद्धतियों के माध्यम से जनसाधारण को मधुमेह का उपचार एवं उसका प्रबन्धन कैसे हो? इसके बारे में सभी आवश्यक जानकारियाँ उपलब्ध कराने का एक प्रयास करती है।
मधुमेह एक विस्तृत विषय है किन्तु इस पुस्तक में क्लिष्ट भाषा शैली का प्रयोग न करके जनसाधारण को सरल एवं सहज ढंग से मधुमेह के बारे में समझाने का प्रयास किया गया है। उद्देश्य यह रहा है कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग पद्धतियों से मधुमेह का उपचार एवं प्रबन्धन किस प्रकार से हो सकता है इसकी एक पूर्ण रूपरेखा पाठक के मन में बन सके।
इस पुस्तक में उन सभी जिज्ञासाओं को सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है जो साधारणतः मधुमेह से ग्रस्त एक रोगी के मन में उठती हैं और जिनका समाधान वह अपने चिकित्सक से चाहता है। आशा है पाठकों के लिए यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।
पाठक इस संबंध में अपने सुझावों से अवगत कराएँगे तो मैं उनका कृतज्ञ होऊँगा।
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