इंद्रजाल एक प्रकार की माया जाल है, जिसे जादूगरी, बाजीगरी, मायाजाल कहा जाता है। जादू-टोने भी इंद्रजाल के ही अंग हैं। इसके माध्यम से किसी को भी भ्रमित किया जा सकता है। इंद्रजाल में वह शक्ति समाहित है जिसके माध्यम से कोसों दूर रहने वाले व्यक्ति को भी आकर्षित, स्तंभित, सम्मोहित, वशीकृत किया जा सकता है। आश्चर्यजनक विद्या होने से इससे कौतुक भी कहा जाता है। पाठकों को समक्ष प्रस्तुत यह इंद्रजाल अपने आप में शोधपूर्ण व लगभग दस वर्षों के अथक प्रयासों का प्रतिफल है। इसमें इंद्रजाल से संबंधित, मारण, मोहन, उच्चाटन, स्तंभन, वशीकरण अनेक प्रकार की तंत्र साधनाएं, दश महाविद्या, शिवार्चन जैसे अनेक विषयों को समाहित किया गया है। इन सबके अतिरिक्त बंगाल का जादू व उससे जुड़े विविध पहलुओं को भी शामिल किया गया है। इस प्रकार 'पूजा प्रकाशन' द्वारा प्रकाशित यह महाइंद्रजाल अपने नाम को सार्थक करता हुआ वास्तव में ही महा इंद्रजाल है जिसमें अब तक अनछुए पहलुओं को भी पाठकों के ज्ञानार्थ व हितार्थ जनकल्याण हेतू प्रकाशित किया गया है। इसमें दिए गए प्रयोगों को स्वेच्छा से न करके योग्य गुरु के मार्ग दर्शन में करें तथा दुरुपयोग न करें।
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