पुस्तक परिचय
हिंदी के प्रगतिशील कवियों में त्रिलोचन (1917-2007) सबसे अधिक 'आत्मसजग' कहे जा सकते हैं । उनकी कवि-प्रकृति शास्त्र और लोक के सामंजस्य से सृजित है । इसमें बड़ी भूमिका घुमक्कड़ी की भी है । यायावर त्रिलोचन के काव्य में आँखिन देखी' की प्राथमिकता है । समुद्र के विस्तार से लेकर हिमशिखरों की ऊँचाई तक । सुदूर दक्षिण भारत से लेकर रांची तक उनका प्रवास उनकी काव्यानुभूति को समृद्ध करता है ।
त्रिलोचन की रचना यात्रा आजीविका-संघर्ष से आहत-उद्विग्न हुई तो समृद्ध भी कम नहीं हुई । साधनहीनता ने अनावश्यक अहं से मुक्त रखा । धरती त्रिलोचन का पहला काव्य-संग्रह है जो 1945 में प्रकाशित हुआ । हिंदी की प्रगतिशील कविता की धरती संभवत: पहली ही किताब थी । एकतरह से धरती त्रिलोचन की कविता की तो धरती है ही, प्रगतिशील काव्यांदोलन की भी धरती है । इसमें त्रिलोचन ही नहीं, प्रगतिवादी काव्य की भी समस्त प्रवृत्तियाँ सहज ही उपलब्ध हैं । हिंदी के किसी अन्य कवि की पहली कृति में ज्ञान और संवेदना की ऐसी परिपक्वता नहीं मिलती । इसीलिए उन्हें 'धरती का कवि' कहा गया है । उन्होंने गीत, ग़ज़ल, रुबाइयों के अतिरिक्त सॉनेट खूब लिखे । सॉनेट-रचना में त्रिलोचन का मन रमता था, इतना कि बकौल नामवर सिंह, केवल एक रात में ही त्रिलोचन ने इकतीस सॉनेट लिख डाले । केदार नाथ सिंह ने लिखा है, 'सॉनेट और त्रिलोचन हिंदी में पर्याय बन गए हैं ।'
एक समर्थ प्रगतिशील कवि के रूप में ख्यात त्रिलोचन ने गद्य भी प्रचुर मात्रा में लिखा है । उनका गद्य अमूमन एक कवि का गद्य नहीं है । वह विधिवत गद्य है । निराला जिसे 'जीवन-संग्राम की भाषा' कहते हैं, कुछ वैसा ही । इसमें उनकी कहानियाँ हैं, डायरी और पत्र हैं, उनकी कविता पुस्तकों की संक्षिप्त भूमिकाएँ और कुछ आलोचनात्मक निबंध हैं । त्रिलोचन का आलोचनात्मक गद्य गंभीर साहित्य-विमर्श है । संक्षिप्त सूचना-शैली में होने पर भी । इसमें कवि और विमर्शक मिलकर शास्त्र सुचिंतित लोकोन्मुख साहित्य के लिए वातावरण बनाते हैं । त्रिलोचन का सर्जक व्यक्तित्व जिन मूल्यों के प्रति समर्पित है उन्हीं के ताने-बाने से निर्मित है उनकी आलोचना दृष्टि ।
लेखक परिचय
रेवती रमण (जन्म 1955) बी. आर. आंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ़्फ़रपुर के हिंदी विभाग में आचार्य है । आलोचना पर एक दर्जन से अधिक पुस्तकें । चर्चित पुस्तकें हैं- हिंदी आलोचना बीसवीं शताब्दी जातीय मनोभूमि की तलाश एवं सर्जककी अंतर्दृष्टि ।
अनुक्रम
1
त्रिलोचन का आत्म-संघर्ष
7
2
'धरती' का कवि
18
3
ताप के ताए हुए दिन
24
4
त्रिलोचन के गीत
33
5
गजल और रूबाई
43
6
सीनेट और त्रिलोचन
51
त्रिलोचन की कविता का जनपद
59
8
कविता का त्रिलोचन-पथ
68
9
काव्य-भाषा की उपलब्धि
84
10
समकालीनों के साथ, उनसे अलग
96
11
त्रिलोचन का गद्य-साहित्य
105
12
त्रिलोचन का संक्षिप्त जीवन-वृत्त
117
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