पुस्तक के विषय में
सिस्टर निवेदिता की ऐसे देश और उसके लोगों के प्रति सदैव गहरी रुचि रही, जो उसके घर से हजारों मील दूर थे, उनकी यही रुचि उन्हें उन गिनी-चुनी निस्वार्थ विभूतियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देती है, जिन्हें विश्व नागरिक माना जा सकता है । मर्गरट नोबल के रूप में उसका जन्म इंग्लैंड में हुआ था किंतु वह हिंदुत्व तथा उसके प्रसार क्षेत्र भारत से बहुत अधिक प्रभावित हुईं। पद दलित भारतवासियों के उत्थान के लिए अथक श्रम करते हुए उन्होंने शीघ्र ही यह अनुभव किया कि यदि भारतीय अपनी बहुत-सी बुराइयों को छोड़ दें तो वे विदेशी अंग्रेजी शासन से भी छुटकारा पा सकते हैं । यह पुस्तक एक ऐसी जीवन गाथा है, जो अद्वितीय साहस और निष्ठा से परिपूर्ण है ।
पुस्तक के लेखक श्री वसुधा चक्रवर्ती ने गांवों में रचनात्मक काम करने की खातिर अपनी औपचारिक शिक्षा छोड़ दी । वह श्री एन. एन. राय तथा उनकी पत्रिकाओं से संबद्ध रहे और उनकी अनेक रचनाएं भारतीय और विदेशी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई । इसके अतिरिक्त उन्होंने अनेक लेख व निबंध लिखे और बांग्ला की कविताओं और कहानियों का अंग्रेजी में और अंग्रेजी की कविताओं और कहानियों का बांग्ला में अनुवाद किया । श्री वसुधा चक्रवर्ती नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित काजी नजरुल इस्लाम की जीवनी के भी लेखक हैं ।
विषय-सूची
1
लोकोपकार के लिए जन्म
2
स्वामी जी से भेंट
4
3
स्वामी जी के सान्निध्य में
10
आत्मोप्लब्धि
15
5
लक्ष्यपूर्ति की ओर
26
6
स्वतंत्रता संग्राम में
34
7
जीवन पथ पर
40
8
दृढ़ संकल्प
44
9
अंतिम यात्रा
49
युग पर प्रभाव
54
11
साहित्यिक देन
59
ग्रंथ सूची
66
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu ( हिंदू धर्म ) (12492)
Tantra ( तन्त्र ) (986)
Vedas ( वेद ) (705)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1890)
Chaukhamba | चौखंबा (3352)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1442)
Yoga ( योग ) (1093)
Ramayana ( रामायण ) (1389)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (731)
Sahitya ( साहित्य ) (23045)
History ( इतिहास ) (8221)
Philosophy ( दर्शन ) (3378)
Santvani ( सन्त वाणी ) (2531)
Vedanta ( वेदांत ) (121)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist