Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
Fully Insured
Fully Insured
All orders are fully insured
to ensure peace of mind.
100% Handmade
100% Handmade
All products are
MADE IN INDIA.

वैदिक वाङ्गमय में प्राण साधना: Prana Sadhana in Vedic literature

$48
Specifications
HBG752
Author: Satyapati Parivrajak
Publisher: Satyam Publishing House, New Delhi
Language: Hindi
Edition: 2022
ISBN: 9789391993450
Pages: 478
Cover: HARDCOVER
9.00x6.00 inch
690 gm
Delivery and Return Policies
Usually ships in 3 days
Returns and Exchanges accepted with 7 days
Free Delivery
Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
Fully Insured
Fully Insured
All orders are fully insured
to ensure peace of mind.
100% Handmade
100% Handmade
All products are
MADE IN INDIA.
Book Description
प्राक्कथन

लोकस्थ अज्ञान रूपी तामस से चैतन्य रूपी ज्ञान शलाका से जिस सच्चिदानन्द प्रभु ने प्राण रूपी ज्योति स्वरूप नेत्र को मुझमें प्रकाशित किया है उसको भूयः भूयः प्रणाम करता हूँ।

जीवानन्द के पथगामी, त्रिपुटि में लक्ष्य निर्धारण करते हुए देहस्थ प्राण को आत्मसात् करने वाले स्व० मेरे पिता गुरुवर को प्राण साधना में तत्पर देखकर मेरे मन में यही जिज्ञासा होती थी कि प्राण क्या है? प्राणियों के प्राणत्व क्या हैं? मेरी यह मानस जिज्ञासा वर्षों से चलती रही। मैंने जब शक्तिपात की दीक्षा परम्परा के अनुसार गुरुवर स्वामी मुक्तानन्द जी से ली और कुछ समय निरन्तर प्राण क्रिया का सतत् अभ्यास करता रहा, तभी मेरे शरीररूपी घट में प्राणोत्थान का प्रवाह प्रारम्भ हो गया था। तब मेरा निश्चय हो गया कि "यद् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे" मनीषियों का कथन सत्य है। कुछ वर्षों के अन्तराल में जब मैंने गुरुवर विजयपाल शास्त्री (भूतपूर्व प्रोफेसर गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार) की प्रेरणा से शोध परीक्षा उत्तीर्ण कर ली, तब सरस्वती के उपासक प्राण साधक गुरुवर प्रो० ज्ञानप्रकाश शास्त्री (निर्देशक, श्रद्धानन्द वैदिक शोध संस्थान विभाग, गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार) का सानिध्य प्राप्त हुआ। मेरी प्रवृत्ति को देखते हुए गुरुवर ने मुझे "संस्कृत यौगिक साहित्य में प्राणविद्या" नामक विषय पर शोध करने की प्रेरणा दी।

मेरा शोध कार्य दिनांक 26.05.2013 से प्रारम्भ हुआ। विभागीय एवं विभाग से इतर गुरुजनों के विषय से सम्बन्धित निर्देश प्राप्त होते रहे। ये सभी गुरुजन संस्तुत्य हैं। प्राणस्थ गूढ़ रहस्य का जब मुझसे समाधान नहीं हो पाता था तब मेरे निर्देशक गुरुवर प्रोफेसर ज्ञानप्रकाश शास्त्री इन गूढ़ रहस्यों को सहजता से समझा दिया करते थे। मैं अपने को सौभाग्यशाली मानता हूँ क्योंकि विजयपाल शास्त्री जैसे एषणारहित पितृतुल्य, व्यवहार कुशल, दर्शनशास्त्र के निष्णात गुरुवर का आभारी रहूँगा, जिनका मुझे समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा। श्रद्धानन्द वैदिक शोध संस्थान के निर्देशक, शाब्दिक, योग साधक, प्राणोर्जा के मर्मज्ञ, वैदिक विद्वान् प्रो० ज्ञानप्रकाश शास्त्री तथा शब्द शास्व के ज्ञाता, वेदज्ञ प्रो० सत्यदेव निगमालंकार आदि विद्वान् महानुभाव समय-समय पर मुझे दिशा-निर्देश देते रहे हैं। में उनका सदा आभारी रहूंगा। संस्कृत विभाग के सभी गुरुजनों ने सही मार्ग निर्देशन कर मुझे कुशल व्यवहार से आप्लावित किया है अतः सभी को मेरा शत-शत प्रणाम है। डॉ० दयाशंकर दीक्षित जी भी मुझे मेरे अनुसन्धान में दिशा-निर्देश देते रहे हैं उनको भी मेरा प्रणाम है।

दिव्य योग मन्दिरस्थ श्रद्धेय गुरुवर स्वामी मुक्तानन्द जी, स्वामी रामदेव जी, आचार्य बालकृष्ण जी, डॉ० यशदेव शास्त्री जी, आदरणीय रामभरत जी, इन सभी ने मानव जीवन के लिए जो भी सहयोग, सहायता, आवश्यकता हो सकती है उन सबको उपलब्ध कराने के लिए साधुवाद है।

पुस्तकालय के कर्मचारियों ने भी मेरी बहुत सहायता की, जब भी पुस्तक की आवश्यकता हुई तभी उन्होंने पुस्तकें उपलब्ध कराकर कृतकृत्य किया है, वे भी संस्तुत्य हैं। टंकण कार्य में हेमन्त नेगी जी ने सहायता प्रदान की जिनका मैं हृदय से धन्यवाद करता हूँ। श्री महावीर नीर जी एवं डॉ० अमित चौहान ने इस शोध प्रबन्ध में सहयोग प्रदान करके हमें कृतार्थ किया है, जिनका में आभारी हूँ। आई०आई०टी० रूड़की के श्री यशवन्त मेहता, श्री सहज सक्सैना, श्री अमरजीत सिंह, श्री धर्मेन्द्र जैन साथ ही मेरे स्नेहाशीष सौरभकुमार, राजकिरण, जयप्रकाश व अंकुश कुमार इन छात्रों ने सहयोग प्रदान किया। इन सभी को साधुवाद देता हूँ।

Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question
By continuing, I agree to the Terms of Use and Privacy Policy
Book Categories