"अध्यात्म के पथ पर" नामक यह पुस्तक लेखक द्वारा लिखित एक ऐसी शोधपूर्ण पुस्तक है जिसमें लेखक ने समस्त वेदादि शास्त्रों के स्वाध्याय एवं निज आत्म अनुभव के विचारों का सार संग्रहित किया है। यह पुस्तक समस्त धर्मग्रन्थों के आध्यात्मिक रहस्यों का एक अद्भुत संचयन है। यह देखने में छोटा, परन्तु समस्त धर्मग्रन्थों एवं सन्तों की वाणियों का सार-संग्रह है। अध्यात्म-पथ के पथिकों, जिज्ञासुओं, मुमुक्षुओं एवं साधकों तथा भव रोग के रोगियों के लिए तो यह पुस्तक नवनीत एवं मधु की भाँति सरस, हितकर, रूचिकर, अध्यात्म का पोषक, ज्ञानवर्द्धक एवं संजीवनी औषधि की भाँति अत्यन्त उपयोगी है। यह विद्वत्जनों के पुस्तकालयों एवं वाचनालयों में भी संग्रहणीय पुस्तक है।
इसके अध्ययन, मनन एवं स्वाध्याय से पाठकों को जीवन में सुख, शान्ति एवं आनन्द की अवश्य ही प्राप्ति होगी।
अध्यात्म ज्ञान के साधकों, खोजियों, जिज्ञासुओं, भक्तों, सन्तों एवं गृहस्थ धर्म की पालना करने वाले समस्त नर-नारियों के लिए पठनीय तथा सखा-संबंधियों एवं सुहृदयों को भी उपहार रूप में देने योग्य यह एक जीवनोपयोगी पुस्तक है। इसका पठन पाठन एवं स्वाध्याय सबके लिए हितकर एवं ज्ञानवर्द्धक है।
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