नम्र निवेदन
सत्संग प्रेमी सज्जनोंकी सेवामें यह सत्संग मुक्ताहार पुस्तक प्रस्तुत की जा रही है । इस पुस्तकमें श्रद्धेय श्रीस्वामीजी महाराजके नौ लेखोंका संग्रह है । पाठकोंसे प्रार्थना है कि वे इस
मुक्ताहार (मोतियोंकी माला) को हृदयमें धारण करें, हृदयमें करें और वास्तविक तत्त्वका अनुभव करके अपने मानव जीवनको सफल बनायें ।
विषय
1
वास्तविक तत्त्वका अनुभव
2
स्वतःप्राप्त परमात्मतत्त्व
9
3
साधकोपयोगी अमूल्य बातें
15
4
कामना और आवश्यकता
24
5
देनेके भावसे कल्याण
36
6
भक्तिकी अलौकिक विलक्षणता
43
7
भगवल्लीलाका तत्त्व
57
8
आकस्मिक और अकाल मृत्यु
61
शास्त्रीय विवादसे हानि
69
Hindu (हिंदू धर्म) (12711)
Tantra (तन्त्र) (1023)
Vedas (वेद) (707)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1906)
Chaukhamba | चौखंबा (3360)
Jyotish (ज्योतिष) (1466)
Yoga (योग) (1096)
Ramayana (रामायण) (1383)
Gita Press (गीता प्रेस) (733)
Sahitya (साहित्य) (23197)
History (इतिहास) (8267)
Philosophy (दर्शन) (3395)
Santvani (सन्त वाणी) (2590)
Vedanta (वेदांत) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist