मनोवैज्ञानिक समस्याओ से पीड़ित अनेक मरीजों के साथ लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने के बाद स्वामी बुद्धानंद को पारम्परिक दवाओ एवं मनोचिकित्सा की सीमाओ का अहसास हुआ | तब उन्होंने एक ऐसी प्रभावी प्रणाली की खोज शुरू की जो शरीर और मन के बीच पूर्ण सामंजस्य लाने में सक्षम हो |
अपने गुरु, स्वामी सत्यानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन में उन्होंने मानसिक व्याधियों के बारे में गहन समझ प्राप्त की तथा उन व्याधियों का निदान करने वाली यौगिक विधियों की व्यापक जानकारी भी |
मूलबन्ध के अभ्यास पर अपना ध्यान केंद्रित कर स्वामी बुद्धानन्द ने इसके सैद्धांतिक तथा व्यवहारिक पक्षों पर गहनो शोध किया | यह पुस्तक उनके इसी शोध का परिणाम है |
पुस्तक के विषय में
मूलबन्ध पुस्तक ऐसे समर्पित योग साधकों के लिए है जो महाकुण्डलिनी शक्ति का द्वार खोलने के लिए कुंजी ढूँढ रहे हैं। बन्ध के अभ्यास प्राचीन हैं, जिन्हें हठयोग एवं कुण्डलिनी योग का एक आवश्यक पहलू माना जाता है, लेकिन इनके सम्बन्ध में अभी तक अल्प ही लिखा गया है मूलबन्ध एक सरल, किन्तु गत्यात्मक अभ्यास है, जिससे साधक को गहरे शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।
यह पुस्तक मूलबन्ध के सिद्धान्त एवं अभ्यास पर प्रकाश डालती है। इसमें मूलबन्ध के शारीरिक, प्राणिक एव मनोवैज्ञानिक प्रभावों का अन्वेषण किया गया है, जिसमे मूलबन्ध एवं एक्यूपंक्चर का आपसी सम्बन्ध भी शामिल है। प्रायोगिक खण्ड मे आरम्भिक और उच्च, दोनों अभ्यास सम्मिलित हैं, जो साधक को इस साधना की चरम सीमा तक ले जाने और अन्तत: आद्य शक्ति का जागरण करने मे सहायक हैं।
विषय सूची
1
तीन बन्ध
2
मूल बन्ध
9
3
शरीर-रचनात्मक और क्रियात्मक पक्ष
14
4
तंत्रिकीय एवं अत:स्राविकीय पक्ष
19
5
प्राणिक प्रभाव
25
6
मूलोपचार
30
7
मूलाधार चक्र
41
8
कुण्डलिनी जागरण
46
अभ्यास
मूलबन्ध -पूर्ण संदर्भ मे
57
10
मूनबन्ध साधना
60
11
मूलाधार चक्र की स्थिति
66
12
मूलाधार का पृथक्करण
81
13
मूलबन्ध और कुम्भक
88
मूल बन्ध -एक क्त बन्ध
94
15
महामुद्रा
96
परिशिष्ट
मूलबन्ध एवं अकुपंक्चर
105
अभ्यास-सूची
112
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Asana (91)
Bhakti Yoga (19)
Biography (49)
Hatha Yoga (79)
Kaivalyadhama (58)
Karma Yoga (31)
Kriya Yoga (69)
Kundalini Yoga (56)
Massage (2)
Meditation (317)
Patanjali (133)
Pranayama (65)
Women (31)
Yoga For Children (12)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist