पुस्तक के विषय में
महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर (1817-1905) ने बाङ्ला साहित्य को जो अवदान दिया वह संयोगवश ही, इस अर्थ में कि उनकी मूल चेष्टा सुचिंतित भाषा और व्यवस्थित शैली में अपने धार्मिक विश्वासों का विवेचन करने की ही थी वे राममोहन की विरासत के प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी थे ऐति-हासिक रूप से वे राममोहन राय तथा उनके परवर्ती धर्म-सुधारको के बीच की कड़ी थे उनके साहित्यिक अवदान का मूल्यांकन तभी हो सकता है जब हम उनकी आध्यात्मिक यात्राओ के क्षेत्र का अन्वेषण करे उनकी रचनाओं में ‘आत्मजीवनी’ निस्सदेह सर्वश्रेष्ठ है अन्य एक कृति, ‘ब्रह्मोधर्मेर व्याख्यान’, का विषय उसके नाम से ही प्रकट है ‘ वे इसी जीवन में जीवन के कुछ सनातन सत्यों का संधान कर रहे थे जिन का उल्लेख प्राचीन ऋषियो ने उपनिषदो और अन्य संस्कृत ग्रथों में किया है उनका साहित्य मूलत: इसी अन्वेषण का पुनराख्यान है।
उनकी गद्य रचनाएँ अपने सौष्ठव और सतुलित शैली, अभिव्यक्ति की गरिमा और शालीनता, और सर्वोपरि, प्रकृति के सौंदर्य के सूक्ष्म चित्रण के कारण उल्लेख्य हैं।
राममोहन, ईश्वरचंद्र और अक्षयकुमार दत्त के साथ देवन्द्रनाथ को बाड्ला गद्य के शैशवकाल में उसके प्रमुख निर्माताओ में गिना जा सकता है
महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर के जीवन और कृतित्व पर अपनी इस पुस्तिका में नारायण चौधुरी ने बहुत कुशलता से उनके धार्मिक व्यक्तित्व के परिप्रेक्ष्य में उनके साहित्यिक अवदान को उकेरा है।
साहित्य अकादेमी भारतीय-साहित्य के विकास के लिए कार्य करने वाली राष्ट्रीय महत्व की स्वायत्त संस्था है, जिसकी स्थापना भारत सरकार ने 1954 में की थी । इसकी नीतियां एक 82-सदस्यीय परिषद् द्वारा निर्धारित की जाती हैं जिसमें विभिन्न भारतीय भाषाओं, राज्यों और विश्व- विद्यालयों के प्रतिनिधि होते हैं ।
साहित्य अकादेमी का प्रमुख उद्देश्य है-ऊंचे साहित्यिक प्रतिमान कायम करना, विभिन्न भारतीय भाषाओं में होने वाले साहित्यिक कार्यों को अग्रसर करना और उनका समन्वय करना, तथा उनके माध्यम से देश की सांस्कृतिक एकता का उन्नयन करना ।
यद्यपि भारतीय साहित्य एक है, तथापि एक भाषा के लेखक और पाठक अपने ही देश की अन्य पड़ोसी भाषाओ की गतिविधियों से प्राय:अनभिज्ञ ही जान पड़ते हैं । भारतीय पाठक भाषा और लिपि की दीवारों को लाँघकर एक-दूसरे से अधिकाधिक परिचित होकर देश की साहित्यिक विरासत की अगार विविधता और अनेकरूपता का और अधिक रसास्वादन कर सकें, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए साहित्य अकादेमी ने एक विस्तृत अनुवाद-प्रकाशन योजना हाथ में ली है । इस योजना के अन्तर्गत अब तक जो ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं, उनकी वृहद सूची साहित्य अकादेमी के विक्रय विभाग से निःशुल्क प्राप्त की जा सकती है ।
अनुक्रम
1
प्रस्तावना
7
2
जन्म तथा आरंभिक जीवन
11
3
धर्म के पथ पर
17
4
संकट
24
5
नयी दृष्टि
30
6
अंतराल
36
ब्रह्मो आन्दोलन में फूट
43
8
जीवन का उत्तरार्द्ध
46
9
साहित्यिक मूल्यांकन
50
10
परिशिष्ट
कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ और घटनाएँ
57
12
ग्रंथ-सूची
61
13
देवेन्द्रनाथ के सबंध में पुस्तकें
63
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