नम्र निवेदन
परमार्थ-पथके पथिकोंकी सेवामें यह पाथेय-तुल्य पुस्तक प्रस्तुत की जा रही है। इससे पहले भी परमश्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराजकी कई पुस्तकें गीताप्रेससे प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनसे भगवत्प्रेमी भाई-बहनोंने बहुत लाभ उठाया है एवं उठा रहे हैं।
गीताप्रेससे निकलनेवाले लोकप्रिय मासिक पत्र 'कल्याण' के विशेषांकोंमें समय-समयपर परमश्रद्धेय श्रीस्वामीजी महाराजके लेख प्रकाशित होते रहते हैं। प्रस्तुत पुस्तकमें प्राय-उन्हीं लेखोंका संग्रह यथावश्यक संशोधन-संवर्धनके साथ प्रकाशित किया जा रहा है। कल्याणकामी भाई-बहनोंसे विनम्र निवेदन है कि वे विविध विषयोंसे समन्वित इस पुस्तकके अध्ययन-मननसे लाभ उठायें । प्रथम संस्करणमें यही पुस्तक कल्याणकारी उपदेशके नामसे प्रकाशित की गयी थी। द्वितीय संस्करणसे इसका नाम परिवर्तित कर कल्याण-पथ कर दिया गया है।
विषय-सूची
1
भगवत्तत्त्व
5
2
भगवान् और उनकी दिव्य शक्ति
24
3
भगवान् विष्णु
32
4
भगवान् शंकर
38
देवता कौन
46
6
भक्तशिरोमणि श्रीहनुमान्जीकी दास्य-रति
55
7
संकीर्तनकी महिमा
71
8
गीतामें चरित्र-निर्माण
78
9
योग : कर्मसु कौशलम्
91
10
कल्याणका सुगम साधन- कर्मयोग
102
11
भगवान् विवस्वान्को उपदिष्ट कर्मयोग
116
12
गीताकी अलौकिक शिक्षा
125
13
गीतोक्त सदाचार
133
14
वामनपुराणका धर्मानुशासन
144
15
मुक्तिका उपाय
152
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