यह पुस्तक ज्योतिष प्रेमियों के लिए एक अनुपम भेंट है। जिसमें ज्योतिष पर आधारित चुनिंदा प्रश्नों के उत्तर है, जो अनेकों जातकों के मन में शंका व भ्रम उपस्थित करते है। इस पुस्तक में ऐसे कई प्रश्न सम्मिलित किये गए है, जिनके उत्तरों के माध्यम से पाठकों को उचित ज्ञान प्राप्त हो सके और एक नए दृष्टिकोण से उन्हें वास्तविकता ज्ञात हो सके।
प्रश्नों में प्रमुखतः शनि की साढ़ेसाती, मंगलदोष, राजयोग, राशि निर्णय, पितृदोष, विवाह गुण मिलान, उपायों की महत्ता, महादशा तथा अंतर्दशा, रत्न विज्ञान, राहू तथा केतू भ्रम, सूर्य तथा चंद्र की स्थिति, ज्योतिष की सत्यता और ज्योतिष विज्ञान की जीवन में भूमिका को समाविष्ट किया गया है। इनके सटीक, वास्तविक तथा आध्यात्मिक दृष्टी से उत्तर इनसे सरल वैदिक ज्योतिष वैदिक ज्योतिष के गहरे ज्ञान को साधकों और शिक्षार्थियों के लिए सरल बनाता है। यह पुस्तक ग्रहों, नक्षत्रों, पंचाग, राशि और योगों के प्रभाव सहित वैदिक ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं का अन्वेषण कर, जीवन को बेहतर बनाने में सहायक है।
हर व्यक्ति के जीवन में एक लक्ष्मणरेखा होती है, जिसे पार करने के बाद ही उसे अपना शौर्य, पराक्रम और विवेक दिखाने का अवसर प्राप्त होता है। यह लक्ष्मणरेखा हर व्यक्ति के जन्म-कुंडली में स्पष्टता से देखी जा सकती है। यही वह रेखा है, जो उन्नति का मार्ग स्थापित करती है। यही वह रेखा है, जिसे लांघने के पश्चात जीवन के सभी अटकाव मुक्त हो जाते है और यहीं से वास्तविक जीवन का शुभारंभ होता है। इसी के आगे यश, कीर्ति और सुखों प्राप्ति होती है। जब तक एक व्यक्ति इसे पार नहीं करता, वह केवल सफल होने के स्वप्न देखता रहता है, क्योंकि यही उसकी नैसर्गिक शक्ति है और यही उसके सफलता की कुंजी है। अतः इसे जानना ही जीवन का आदि कर्तव्य है, यही समस्याओं का हल है और यही जीवन मूल उद्देश्य भी है।
ज्योतिष शास्त्र में ही वह शक्ति है कि जिससे एक साधारण व्यक्ति भी अपने जीवन का स्तर उच्चतम बिंदु तक ले जा सकता है, अर्थात भविष्य बदला नहीं जा सकता, किंतु सँवारा अवश्य जा सकता है। इसे सँवारने के लिए ज्योतिष शास्त्र ही एकमात्र मार्ग है।
जीवन में समस्याओं का आना-जाना लगा रहेगा। सुख और दुःख इसके भागी है, अपितु जो जीवन की गुत्थी समझकर इसे पार करता है, वह इसके आनंद के फल को प्राप्त कर लेता है। वह समाज में गौरवान्वित होता है और जीवन को आदर्श बनाता है।
किंतु ज्योतिष को लेकर अनेकों धारणायें है, जिनमें से अधिकतर अर्धसत्य से उत्पन्न होती है, या फिर अधूरी ही समझी जाती है। इसीलिए इस पुस्तक का निर्माण किया गया है, ताकि जातकों के मन में जो भी शंका, भ्रम, समस्या और प्रश्न है, उसका उत्तरों के माध्यम से समाधान किया जा सके। उन्हें उचित और सत्य का दर्पण दिखाया जा सके। अतः वह ज्योतिष को सिमित न रखकर इसकी अपार शक्ति का सदुपयोग उनके जीवन को आनंदी, सुखमय और समृद्ध करने के लिए कर सके।
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