मानव-मन की अनुभूतियों की शाब्दिक अभिव्यक्ति 'भाषा' कहलाती है। भाषाओं का इतिहास साक्षी है कि प्रयोग धरातल पर इसके कई स्तर होते हैं। दैनिक व्यवहार में प्रयुक्त भाषा जहाँ 'सामान्य-भाषा' कहलाती है, वहाँ राजकीय, राष्ट्रीय और वाङ्मयी भाषा 'मानक भाषा' कहलाती है। हाँ! यह भी सच है कि देर-सवेर, बोलचाल की सामान्य भाषा ही, आगे चलकर, मानक भाषा का बाना धारण कर लेती है - हिन्दी भाषा के इतिहास पर भी यही फार्मूला लागू होता है। 'प्राकृताभास हिन्दी' से लेकर, खड़ीबोली, मानक हिन्दी, राष्ट्रभाषा हिन्दी, राजभाषा हिन्दी और विश्वभाषा हिन्दी से होते हुए, 'तकनीकी हिन्दी' तक का इतिहास, सचमुच, बहुत रोचक और रोमांचक है। अपने लगभग 1200 वर्षीय जीवन-काल में हमारी हिन्दी ने कितने उतार-चढ़ाव, ठहराव पड़ाव देखे हैं, कितने रंग-रूप धारण किए हैं और कितने अवरोधों को पार करते हुए, भारत-राष्ट्र में ही नहीं, विश्व-पटल पर अपना शीर्ष स्थान बनाया है! इसका रहस्य तो आप तभी जान पायेंगे, जब डॉ. उषा लाल द्वारा प्रणीत इस ग्रन्थ का, मनसा-वाचा-कर्मणा, पारायण करेंगे और, मन-ही-मन, ग्रन्थ-लेखिका की श्रम- साधना, अनुसंन्धान-वृत्ति और अभिव्यक्ति- क्षमता को अपना साधुवाद प्रदान करेंगे।
कुमारी विद्यावती आनन्द डी.ए.वी. महिला महाविद्यालय, करनाल में ॲसोशिएट प्रोफ़ेसर एवं हिन्दी-विभागाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त डॉ. उषा लाल (15 अप्रैल, 1955 ई.), हरियाणवी संस्कृति और साहित्य के प्रति समर्पित होने के साथ-साथ, स्त्री-विमर्श और काव्यशास्त्र की भी एक सुधी-समीक्षक हैं। लघुकथा, मुक्तछन्द कविता और संस्मरण में सृजनरत डॉ. लाल की गीत-गायन में विशेष रुचि है। समूचे भारतवर्ष सहित नेपाल, दुबई और हाँगकाँग की सांस्कृतिक यात्राएँ सम्पन्न कर चुकीं डॉ. उषा लाल की अब तक चालीस से अधिक पत्र-पत्रिकाओं / पुस्तकों में अस्सी से अधिक विविध-विधात्मक रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। लगभग चालीस संगोष्ठियों में सक्रिय भागीदार और लगभग बीस सांस्कृतिक-साहित्यिक-अकादमिक संस्थाओं द्वारा अनेकधा अभिनंदित डॉ. लाल की चर्चित कृतियाँ हैं -
1. हरियाणा की हिन्दी-कहानी (शोधप्रबन्ध)
2. साहित्य के रूप-रंग
3. सहजोबाई
4. हरियाणा का साहित्यिक देशकाल
5. महिला आलोचक और नारी-विमर्श
6. हिन्दी भाषा : अतीत और वर्तमान.
Hindu (हिंदू धर्म) (12653)
Tantra ( तन्त्र ) (1017)
Vedas ( वेद ) (706)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1903)
Chaukhamba | चौखंबा (3360)
Jyotish (ज्योतिष) (1464)
Yoga (योग) (1099)
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