Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
1M+ Customers
1M+ Customers
Serving more than a
million customers worldwide.
25+ Years in Business
25+ Years in Business
A trustworthy name in Indian
art, fashion and literature.

हिंदी- बांग्ला अध्येता कोश: Hindi-Bangla Learner's Dictionary

$32
Express Shipping
Express Shipping
Express Shipping: Guaranteed Dispatch in 24 hours
Specifications
HBI899
Author: Nand Kishore Pandey
Publisher: Central Hindi Directorate
Language: Hindi and Bengali
Edition: 2021
ISBN: 9789388039420
Pages: 360
Cover: HARDCOVER
10x6.5 inch
714 gm
Delivery and Return Policies
Ships in 1-3 days
Returns and Exchanges accepted with 7 days
Free Delivery
Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
1M+ Customers
1M+ Customers
Serving more than a
million customers worldwide.
25+ Years in Business
25+ Years in Business
A trustworthy name in Indian
art, fashion and literature.
Book Description
भूमिका

केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा अपने शैक्षिक गतिविधियों के साथ हिंदीतर भाषाओं के हिंदी अध्येताओं के पठन-पाठन, अध्ययन-अध्यापन एवं व्यावहारिक ज्ञान के लिए उनकी आवश्यकता तथा माँग के अनुरूप शिक्षण सामग्री निर्माण करने का भी कार्य करता है।

यह कार्य आगरा मुख्यालय स्थित 'पूर्वोत्तर शिक्षण सामग्री निर्माण विभाग' द्वारा किया जाता है। यह विभाग हिंदी प्रान्तों तथा हिंदीतर प्रान्तों के मध्य ऐसे सेतु का निर्माण करता है। जिसकी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संदर्भों में अपनी एक विशिष्ट पहचान है। इस विभाग की महत्वाकांक्षी योजनाएँ 'भारतीय लोक-साहित्य, लोक-रंग, लोक-संस्कृति, लोक-कला, कला, ज्ञान-विज्ञान, दर्शन, राष्ट्रीय-सामाजिक चेतना जैसे विषयों का विषय-विशेषज्ञों द्वारा चयन संपादन कर संगोष्ठियों, कार्यशालाओं तथा शोधपरक माध्यमों से सामग्री निर्माण कर उसका प्रकाशन करना है।

"पूर्वोत्तर शिक्षण सामग्री निर्माण विभाग" द्वारा मेघालय राज्य सरकार की माँग पर पाँचर्वी, छठवीं तथा सातवीं कक्षा तथा सिक्किम राज्य सरकार की प्राइमरी कक्षा एक से आठ तक की पाठ्य पुस्तकों का निर्माण कार्य किया जा चुका है। राजकीय हिंदी संस्थान, दीमापुर (नागालैंड) की पूर्व निर्मित पुस्तकों का भी संशोधन-परिवर्धन कर पाठ्य पुस्तक रूप में प्रकाशन कार्य किया जा चुका है।

उत्तर-पूर्व राज्यों की सात लोक-भाषाएँ असमिया, बोड़ो, खासी, कॉकबराक, मणिपुरी, लोथा, और मिज़ो भाषा की लोक कथाओं एवं लोक-गीतों का भी प्रकाशन विभाग द्वारा किया जा चुका है।

इसी क्रम में हिंदीतर राज्यों के लिए अध्येता कोशों के निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर राज्यों की भाषाओं तथा बोलियों पर लगभग 42 अध्येता कोशों का प्रकाशन कार्य किया जा चुका है।

द्विभाषीय अध्येता कोश निर्माण परियोजना क्रम का विस्तार करते हुए हिंदी-बांग्ला अध्येता कोश की आवश्यकता उसके विविध अर्थ संदर्भों को जानने समझने के लिए किया गया है। पठन-पाठन के साथ ज्ञानसंवर्धन के लिए व्यावहारिक सूचनाएँ, सहप्रयोगों, मुहावरों तथा वाक्य प्रयोगों द्वारा अध्येताओं को भाषाई प्रयुक्तियों की जानकारी दी गयी है। इस अध्येता कोश में शब्दों के अर्थ प्रयोग संदर्भों को ध्यान में रखकर किए गए है। प्राचीन, आधुनिक, आंचलिकता के परिप्रेक्ष्य में बांग्ला साहित्य के शब्द चयन, व्यावहारिक शब्दों के साथ ऐसे विदेशी शब्द जिन्हें बांग्ला भाषा में अपना लिया गया है। साधारण बांग्ला भाषा के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अर्थ प्रयोजनों के अनुसार प्रचलित अप्रचिलत शब्दों की शब्द विन्यास प्रणाली एवं भिन्नार्थी अर्थों को भी बांग्ला वर्णानुक्रम का ध्यान रखते हुए समझाया गया है। इस अध्येता कोश में प्रायः हिंदी वर्णमाला के 'अं' स्वर से आरंभ होकर अंतिम व्यंजन 'हौ', के अंतिम स्वर 'औ' तक के क्रम में सजाया गया है। पर्यायवाची शब्दों, समासों, पदनामों, क्रियापरक रूपों, हलंत (२) चिह्नों आदि की शुद्धि-अशुद्धि पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। अति प्रचलित पद-वाक्यों, वाक्यांश-प्रयोगों विविध वाक्य रूपों, मुहावरों, लोकोक्तियों, सामान्यतः प्रचलित उदाहरणों के प्रयोगों का विशेष ध्यान रखा गया है। वर्तमान संदर्भ में शब्दकोश हिंदी में पारिभाषिक रूप ले चुका है। यही स्थिति हिंदी-बांग्ला आदि भारतीय भाषाओं की भी है। परन्तु कोश शब्द भण्डार के अर्थ में प्रयुक्त होने से साधारण भण्डार हो न समझ लिया जाय। जो कि 'कोष' होता है। अतः मुद्रा भंडार या रूपयों का संग्रह की जगह बैंक-वगैरह के लिए 'राज-कोष' वगैरह से भिन्न सूचित करने के लिए 'शब्दकोश' तालव्य 'श' से लिखते है। ध्यान देने की बात यह है कि शब्दकोश शब्द मात्र का कोश या भण्डार नहीं होता इसमें निरर्थक शब्द भी बहुत होते हैं। परन्तु शब्दकोश में निरर्थक शब्द नहीं जुटाए जाते। सार्थक शब्द भी जो किसी पद-पदार्थ-विशेष्य-वस्तु-भाव-संज्ञा-सर्वनाम-क्रिया आदि के वाचक होते हैं उनका बोध कराते हैं। उन्हें ही शब्द कोशों में संग्रहित किया जाता है।

इस तथ्य की ओर इसलिए भी ध्यान आकर्षित किया गया है कि भाषाओं की प्रामाणिकता को समझने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समूचे विश्व में समान रूप से ध्वनियों के प्रामाणिक उच्चारण को समझने के लिए जैसे इंटरनेशनल फोनेटिक अल्फाबेट जिसे संक्षेप में आई.पी.ए. की लिपि बनाई गई है। उसी तरह शब्दकोशों के लिए भी एक भाषा वाला दूसरी भिन्न भाषा के शब्द-कोशों को आसानी से और अच्छी तरह से उस भाषा में शब्द को खोज सके।

Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question
By continuing, I agree to the Terms of Use and Privacy Policy