नम्र निवेदन
भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारके लेखोंका यह एक सुन्दर चयन आपकी सेवामें प्रस्तुत किया जा रहा है। ये लेख समय-समयपर 'कल्याण 'में प्रकाशित हुए हैं। इस संग्रहमें विभिन्न आध्यात्मिक विषयोंके साथ-साथ अतिशय उपादेय ठोस सामग्रीका समावेश हुआ है।
व्यक्तिके जीवनका प्रभाव सर्वोपरि होता है और वह अमोघ होता है। श्रीभाईजी अध्यात्म- साधनकी उस परमोच्च स्थितिमें पहुँच गये थे, जहाँ पहुँचे हुए व्यक्तिके जीवनसे जगत्का, परमार्थके पथपर बढ़ते हुए जिज्ञासुओं एवं साधकोंका मंगल होता है। हमारा विश्वास है कि जो व्यक्ति इन लेखोंको मननपूर्वक पढ़ेंगे एवं अपने जीवनमें उनकी बातोंको उतारनेका प्रयत्न करेंगे, उनको परमार्थपथमें निश्चय ही विशेष सफलता प्राप्त होगी।
विषय-सूची
1
मानव-जीवनका लक्ष्य- भगवत्यप्राप्ति
5
2
साधनाके दो प्रकार
15
3
मनुष्य -जीवनका परम कर्तव्य
23
4
साधकका स्वरूप
29
मनुष्य -जीवनका एकमात्र उद्देश्य- भगवत्प्राप्ति
43
6
रस ( प्रेम) - साधनकी विलक्षणता
47
7
चरम और परम उपासनाका सुधा-मधुर फल- भगवत्प्रेम
64
8
रास रहस्य
72
9
भक्तका एकांगी प्रेम
86
10
श्रीकृष्ण-महिमाका स्मरण
88
11
श्रीराधा माधवका मधुर रूप गुण-तत्त्व
122
12
श्रीराधामाधव - युगलोपासना
152
13
सत्संग-वाटिकाके बिखरे सुमन
178
14
कल्याणसूत्र
190
भगवान् मेरे सहायक हैं, मुझे कोई भय नहीं
192
16
संकटके समय विश्वासी भक्तकी भावना
193
17
प्रतिशोधकी भावनाका त्याग करके प्रेम कीजिये
194
18
भगवान्की वस्तु भगवान्को सौंप दो
201
19
भगवान् श्रीसीतारामजीका ध्यान
205
20
भगवान्का मंगल -विधान
212
21
मोचीमें मनुष्यत्व
216
22
विल क्षण भाव-जगत्
221
अधर्म तथा असत्कर्मका फल दैवी प्रकोप-जन-धनका नाश
232
24
क्रोधनाशका उपाय
237
25
सुख चाहते हैं तो
238
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