ISBN Volume 1: 9788172610623 Volume 2: 9788172610876 Volume 3: 9788172611200 Volume 4: 9788172611255 Volume 5: 9788172611286 Volume 6: 9788172611248 Volume 7: 9788172610968 Volume 8: 9788172611217
गीता दर्शन अध्याय 1-2
1
विचारधारा अर्जुन और युद्ध का धर्म संकट
2
अर्जुन के विषाद का मनोविश्लेषण
17
3
विषादऔर संताप से आत्म क्रांति के ओर
35
4
दलीलों के पीछे छिपा ममत्व ओर हिंसा
53
5
अर्जुन के पलायन - अहंकार की ही दूसरी अति
71
6
मत्यु के पीछे अजन्मा अमृत ओर सनातन का दर्शन
87
7
भागना नहीं - जगाना है
105
8
मरण धर्मा शरीर ओर अमृत अरूप आत्मा
119
9
आत्म- विद्या के गूढ़ आयामो के उद्घाटन
135
10
जीवन की परम धन्यता स्वधर्म की पूर्णता में
151
11
अर्जुन का जीवन शिखर युद्ध की ही माध्यम से
167
12
निष्काम कर्म ओर अखंड मन की कीमिया
183
13
काम, द्वंद ओर शास्त्र से निष्काम निद्वंद्व ओर स्वानुभव की ओर
199
14
फलाकांक्षरहितकर्म, जीवंत समता ओर परमपद
213
15
मोह - मुक्ति, आत्म - तृप्ति ओर प्रज्ञा की थिरता
229
16
विषय- त्याग नहीं - रस विसर्जन मार्ग है
247
मन की अधोगमन ओर उर्ध्व गमन की सीढ़ियाँ
267
18
विषाद की खाई से ब्राह्मी -स स्थिति की शिखर तक
281
गीता दर्शन अध्याय 3
स्वधर्म की खोज
299
कर्ता का भर्म
317
परमात्म समर्पित कर्म
335
समर्पित जीवन का विज्ञान
353
पूर्व की जीवन - कला आश्रम प्रणाली
369
वर्ण व्यवस्था की वैज्ञानिक पुनस्थार्पना
385
अहंकार का भर्म
403
श्रद्धा है द्वार
421
परधर्म, स्वधर्म और धर्म
437
वासना की धूल चेतना का दर्पण
453
गीता दर्शन अध्याय 4
सत्य एक जानने वाले अनेक
भागवत चेतना का करुणावश अवतरण
दिव्य जीवन, समर्पित जीवन
33
परमात्मा की स्वर
47
जीवन एक लीला
65
वर्ण व्यवस्था का मनोविज्ञान
79
कामना शून्य चेतना
95
मै मिटा, तो ब्रह्मा
111
यज्ञ का रहस्य
127
सन्यास की नई अवधारणा
141
स्वाध्याय यज्ञ की कीमिया
157
अंतर्वाणी विद्या
171
मृत्यु का साक्षात
187
चरण - स्पर्श और गुरु - सेवा
मोह का टूटना
ज्ञान पवित्र कर्ता है
227
इन्द्रिय जय और श्रद्धा
241
संशयात्मा विनश्यति
255
गीता दर्शन अध्याय 5
सन्यास की घोषणा
269
निष्काम कर्म
283
सम्यक दृष्टि
वासना अशुध्दि है
313
मन का ढांचा - जन्मो - जन्मो का
327
अहंकार की छाया है ममत्व
341
माया अर्थात सम्मोहन
355
तीन - सूत्र - आत्म ज्ञान की लिए
371
अकंप चेतना
काम से राम तक
399
काम - कोर्ध से मुक्ति
413
गीता दर्शन अध्याय 6
कृष्ण का सन्यास उत्सवपूर्ण सन्यास
आसक्ति का सम्मोहन
21
मालकियत की घोषणा
39
ज्ञान विजय है
57
हृदय की अंतर गुफा
73
अंतर्यात्रा की विज्ञान
अपरिग्रही चित्त
103
योगाभ्यास - गलत को कटाने के लिए
योग का अंतर्विज्ञान
चित्त वृत्ति निरोध
149
दुखो मै अचलायमान
165
मन साधन बन जाए
179
पदार्थ से परतिकर्मण - परमात्मा पर
193
अहंकार खोने के दो ढंग
207
सर्व भूतो मै पर्भु का स्मरण
223
मन का रूपांतरण
235
वैराग्य और अभ्यास
249
तंत्र और योग
265
19
यह किनारा छोड़े
279
20
आंतरिक सम्पदा
293
श्रद्धावान योगी श्रेष्ठ है
307
गीता दर्शन अध्याय 7
अनन्य निष्ठा
परमात्मा की खोज
333
अदृश्य के खोज
347
आध्यात्मिक बल
363
प्रकृति और परमात्मा
377
जीवन अवसर है
393
मुखौटो से मुक्ति
409
श्रद्धा का सेतु
425
निराकार का बोध
431
धर्म का सार: शरणगति
445
गीता दर्शन अध्याय 8
स्वभाव अध्यात्म है
मृत्यु क्षण मै हार्दिक प्रभु स्मरण
स्मरण के कला
31
भाव और भक्ति
योगयुक्त मरण के सूत्र
59
वासना, समय, और दुख
75
सृष्टि और प्रलय का वर्तुल
91
अक्षर ब्रह्मा और अंतर्यात्रा
107
जीवन ऊर्जा का ऊर्ध्वगमन - उत्तरायण पथ
123
दक्षिणायण के जटिल भटकाव
137
तत्वज्ञ- कर्मकांड के पार
153
गीता दर्शन अध्याय 9
श्रद्धा का अंकुरण
अतकर्य रहस्य मै प्रवेश
181
जगत एक परिवार है
197
विराट के अभीप्सा
211
दैवी या आसुरी धारा
ज्ञान, भक्ति, कर्म
243
मै ओंकार हू
257
जीवन के ऐक्य का बोध - अ -मन मे
271
वासना और उपासना
285
खोज के सम्यक दिशा
301
कर्ताभाव का अर्पण
नीति और धर्म
331
क्षणभंगुरता का बोध
गीता दर्शन अध्याय 10
अज्ञेय जीवन- रहस्य
रूपांतरण का आधार - निष्कंप चित्त और जागरूकता
ईश्वर अर्थात ऐश्वर्य
ध्यान के छाया है समर्पण
कृष्ण की भगवत्ता और डावांडोल अर्जुन
63
स्वभाव की पहचान
77
शास्त्र इशारे है
सगुण प्रतीक- सृजनात्मकता, प्रकाश, संगीत और बोध के
मृत्यु भी मैं हू
आभिजात्य का फूल
143
काम का राम मेँ रूपांतरण
159
शस्त्रधारियो मेँ राम
177
मेँ शाश्वत समय हूँ
195
परम गोपनीय- मौन
मंजिल मेँ स्वयं मेँ
231
गीता दर्शन अध्याय 11
विराट से साक्षात के तैयारी
दिव्य-चक्षु के पूर्व भूमिका
263
धर्म है आश्चर्य के खोज
परमात्मा का भयावह रूप
295
चुनाव अतिकर्मण है
पूरब और पश्चिम : नियति और पुरुषार्थ
329
साधना के चार चरण
345
बेशर्त स्वीकार
361
चरण स्पर्श का विज्ञान
मनुष्य बीज है परमात्मा का
मांग और प्रार्थना
आंतरिक सौंदर्य
427
गीता दर्शन अध्याय 12
प्रेम के द्वार : भक्ति मेँ प्रवेश
दो मार्ग : साकार और निराकार
पाप और प्रार्थना
संदेह के आग
49
अहंकार घाव है
67
कर्म- योग के कसौटी
85
परमात्मा का प्रिय कौन
उद्वेगरहित अहंशून्य भक्त
121
भक्ति और स्त्रेण गुण
सामूहिक सक्तिपात ध्यान
आधुनिक मनुष्य की साधना
गीता दर्शन अध्याय 13
दुख से मुक्ति का मार्ग : तादात्म्य का विसर्जन
185
क्षेत्रज्ञ अर्थात निर्विषय, निर्वकार चैतन्य
203
रामकृष्ण के दिव्य बेहोशी
221
समत्व और एकाकीभाव
239
समस्त विपरीतताओ का विलय - परमात्मा मेँ
स्वयं को बदलो
275
पुरुष- प्रकृति लीला
गीता मेँ समस्त मार्ग है
311
पुरुष मेँ थिरता के चार मार्ग
कौन है आँख वाला
349
साधना और समझ
365
अकस्मात विस्फोट की पूर्व तैयारी
383
गीता दर्शन अध्याय 14
चाह है संसार और आचह है परम सिद्धि
त्रिगुणात्मक जीवन के पार
हे निष्पाप अर्जुन
होश: सत्व का द्वार
संबोधि और त्रिगुणात्मक अभिवयक्ति
रूपांतरण का सूत्र: साक्षी - भाव
83
असंग साक्षी
101
सन्यास गुणातीत है
117
आत्म - भाव और समत्व
133
अव्यभिचारी भक्ति
गीता दर्शन अध्याय 15
मूल - स्रोत की ओर वापसी
दृढ़ वैराग्य और शरणगति
संकल्प - संसार का या मोक्ष का
समर्पण की छलांग
एकाग्रता और हृदय - शुद्धि
पुरुषोत्तम की खोज
प्यास और धैर्य
गीता दर्शन अध्याय 16
दैवी सम्पदा का अर्जन
दैवीय लक्षण
297
आसुरी सम्पदा
315
आसुरी व्यक्ति की रुग्णताए
शोषण या साधना
ऊर्ध्वगमन और अधोगमन
367
जीवन की दिशा
नरक की द्वार : काम, क्रोध, लोभ
गीता दर्शन अध्याय 17
सत्य की खोज और त्रिगुण का गणित
भक्त और भगवान
सुख नहीं, शांति खोजो
संदेह और श्रद्धा
भोजन की कीमिया
तीन प्रकार की यज्ञ
शरीर, वाणी और मन की तप
115
पूरब और पश्चिम का अभिनव संतुलन
दान - सात्विक, राजस,तामस
क्रांति की कीमिया: स्वीकार
173
मन का महाभारत
गीता दर्शन अध्याय 18
अंतिम जिज्ञासा: क्या है मोक्ष, क्या है सन्यास
सात्विक, राजस,तामस त्याग
फलाकांक्षा का त्याग
सद्गुरु की खोज
महासूत्र साक्षी
गुणातीत जागरण
289
तीन प्रकार की कर्म
305
समाधान और समाधि
323
तीन प्रकार की बुद्धि
गुरु पहला स्वाद है
359
तामस, राजस और सात्विक सुख
375
गुणातीत है आनंद
389
स्वधर्म, स्वकर्म और वर्ण
पात्रता और प्रसाद
417
गीता - पथ और कृष्ण पूजा
433
संसार है मोक्ष बन जाए
447
समर्पण की राज
463
आध्यात्मिक सम्प्रेषण की गोपनीयता
479
गीता - ज्ञान - यज्ञ
495
मनन और निदिध्यासन
511
परमात्मा को झेलने की पात्रता
525
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