नरक और स्वर्ग इसी दुनिया में हैं! मैं राघव, एक होनहार युवक जो सपने भी देखता है और उन्हें पूरा करने की चाहत भी रखता है। जिसे कच्ची उमर से ही एक साथी की तमन्ना है जिसके साथ दुनियाभर की खुशियाँ अपने दामन में समेट ले, लेकिन... यही नहीं कर पाता मैं।
ऐसा नहीं था कि मैं बिलकुल नहीं बोल पाता, पर हकलाहट एक ऐसा मर्ज़ है, जिसके बारे में सिर्फ वही समझ सकता है, जिसने भोगा हो। जहाँ पर आपको जज न किया जाए, वहाँ पर तो आप ठीक बोल लेते हैं। लेकिन जहाँ कोई ज़रूरी बात हो, नया व्यक्ति हो, या फिर जज किया जा रहा हो, वहाँ ऐसी मानसिकता बन जाती कि आवाज़ निकलती ही नहीं, जैसे जीभ चिपक गई हो। दाँत किटकिटाने लगते, शरीर अकड़-सा जाता। सब कुछ होता लेकिन आवाज़ न निकलती।
फिर... फिर मैंने अपने हारे हुए दिल की सुनी और वही करने की ठानी, जो किसी नकारा इंसान को कर गुज़रना चाहिए। मैंने खुदकुशी करने की कोशिश में अपनी सारी समझ झोंक डाली। लेकिन, दस मंज़िली इमारत से कूदते वक़्त जो उसने मेरा हाथ थामा तो किस्मत ही मुस्कुरा उठी जैसे !
परिस्थितियाँ मायने नहीं रखतीं, मायने रखती है, उम्मीद ! आर्या की बातों ने मुझे वह उम्मीद दी-जीवन बेहतर होने की उम्मीद, इस नरक से निकलने की उम्मीद और यूपीएससी की तैयारी करने के साथ ही उसका इंटरव्यू दे पाने की उम्मीद।
बमुश्किल एक शब्द बोल पाने से लेकर जीवन का मर्म समझने तक की मार्मिक एवं प्रेरक कहानी है, गेरबाज़।
साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार से सम्मानित लेखक भगवंत अनमोल उन चुनिन्दा लेखकों में से हैं, जिन्हें हर वर्ग के पाठकों से असीम प्यार मिल रहा है। जहाँ उनकी किताबें बिक्री के नए आयाम छूती हैं, वहीं अकादमिक जगत में भी हाथों-हाथ ली जाती हैं, साथ ही साहित्यिक जगत द्वारा भी पुरस्कृत और सम्मानित होती हैं। उनको नए विषयों पर लिखने के लिए जाना जाता है। उनका उपन्यास ज़िन्दगी 50-50 किन्नर विमर्श पर मील का पत्थर है। यह उपन्यास दैनिक जागरण नील्सन बेस्टसेलर लिस्ट में कई बार शामिल रहा और कर्नाटक विश्वविद्यालय में परास्नातक के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है। इस पर कई शोधार्थी शोध कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा "बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार" से भी सम्मानित किया गया है। उनके दो अन्य लोकप्रिय उपन्यास बाली उमर और प्रमेय हैं। प्रमेय से हिन्दी में साइंस फ़िक्शन लिखने का ट्रेंड शुरू हुआ और यह उपन्यास "साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार" से भी सम्मानित किया गया है। भगवंत अनमोल सॉफ्टवेर इंजीनियर रहे और अब नौकरी छोड़कर कानपुर में स्पीच थेरेपी देते हैं। गेरबाज़ उनका चौथा उपन्यास है।
Hindu (हिंदू धर्म) (12711)
Tantra (तन्त्र) (1023)
Vedas (वेद) (708)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1906)
Chaukhamba | चौखंबा (3360)
Jyotish (ज्योतिष) (1466)
Yoga (योग) (1097)
Ramayana (रामायण) (1382)
Gita Press (गीता प्रेस) (733)
Sahitya (साहित्य) (23190)
History (इतिहास) (8270)
Philosophy (दर्शन) (3393)
Santvani (सन्त वाणी) (2590)
Vedanta (वेदांत) (120)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist