आभार
सर्वप्रथम मैं श्री गोपाल कृष्ण गोस्वामी के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूँ,जो पिछले अट्ठारह वर्षो से भारत में मेरे जीबी सी गुरु भाई तथा मित्र के रूप में मुझे उदारतापूर्वक प्रोत्साहन तथा समर्थन देते आए हैं । मैं हरि-भक्ति-विलास का अनुवाद करने के लिए तथा गायत्री मंत्रों के विषय में मेरे अनेकानेक प्रश्नों का उत्तर देने के लिए श्रीमान भानुस्वामी तथा श्रीमान गोपीपरणधन को धन्यवाद देता हूँ । मैं श्री भक्ति विद्यापूर्ण स्वामी का अत्यन्त ऋणी हूँ जिन्होंने अपने अमूल्य समय से घंटों निकाल कर इस विषय में मेरा ज्ञानवर्धन किया । मैं श्री रूप-रघुनाथ,श्री गोपाल चद्र घोष,तथा अन्य कईं गौड़ीय वैष्णवों एव संन्यासियों को हार्दिक धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने नाना प्रकार से मेरी सहायता की ।
आवरण पृष्ठ की सुदर चित्र-रचना श्रीमान अंजन दास द्वारा की गई । मैं दामोदर दास एव व्रजमोहन दास का भी आभारी हूँ जिन्होंने इस पुस्तक की रचना में विभिन्न प्रकार से सहायता की । हम गंधर्विका-गिरिधारी से हार्दिक प्रार्थना करते हैं कि वे इन सब उत्कृष्ट भक्तों को राधा-गोविन्द प्रेम का वरदान दे ।
विषय-सूची
1
आमुख
xi
2
अध्याय एक दीक्षा तथा उपनयनम
3
तीन मार्ग
4
मंत्र
5
मंत्र शक्ति
8
6
उपनयनम
14
7
उपनयनम तथा गौड़ीय परम्परा
17
पंच संस्कार
19
9
दीक्षा
21
10
गुरु के गुण
22
11
सामान्य लक्षण
24
12
विशेष लक्षण
13
शिष्य के गुण
25
मंत्र दीक्षा हेतु उचित मुहूर्त्त
26
15
अध्याय दो ब्रह्म गायत्री
27
16
ब्रह्म-गायत्री का परिचय
ब्रह्म-गायत्री का उद्भव
30
18
ओंउम् का अर्थ
31
व्यहृतियों-भूर,भुवः,स्व: का अर्थ
35
20
तत् का अर्थ
36
सवितुर का अर्थ
वरेण्यम् का अर्थ
39
23
भर्गो का अर्थ
देवस्य का अर्थ
40
धीमहि का अर्थ
41
धियो यो न: का अर्थ
प्रचोदयात् का अर्थ
28
ब्रह्म-गायत्री मंत्र का अर्थ
29
सम्बन्ध,अभिधेय तथा प्रयोजन
45
ब्रह्म-गायत्री जप के लाभ
49
ब्रह्म-गायत्री तथा श्रीमद् भागवत
50
32
ब्रह्म-गायत्री तथा हरे कृष्ण महामंत्र
54
33
प्रभुपाद के गायत्री वृत्तान्त
64
34
अध्याय तीन उपवीत तथा जप के नियम
67
जनेऊ
उपवीत अमृत
70
37
मंत्र का अर्थ
71
38
मंत्र-जप की विधि
73
भूत-शुद्धि प्रार्थनाएँ
79
मंत्र-सिद्धि
81
जप हेतु उत्तम मुहूर्त्त
83
42
अध्याय चार गुरु गायत्री
87
43
गुरु के प्रति धारणा
44
ऐं का अर्थ
88
गुरु-मंत्र का अर्थ
90
46
गुरु-गायत्री शब्दार्थ
91
47
गुरु-गायत्री का अर्थ
48
अध्याय पांच गौर-गायत्री
95
गौर-मंत्र का अर्थ
गौर-गायत्री शब्दार्थ
97
51
गौर-गायत्री का अर्थ
98
52
अध्याय छ: गोपाल-मंत्र
99
53
परिचय तथा महत्त्व
गोपाल-मंत्र तथा सम्बन्ध
101
55
गोपाल-मंत्र - स्वरसिकी तथा मंत्र उपासना
103
56
गोपाल-मंत्र का उद्देश्य
105
57
क्लीं का अर्थ
107
58
कृष्णा का अर्थ
110
59
गोविन्दाय का अर्थ
60
गोपीजनवल्लभाय का अर्थ
112
61
स्वाहा का अर्थ
113
62
गोपाल-मंत्र शब्दार्थ
114
63
गोपाल-मंत्र का अर्थ
116
गोपाल-मंत्र जपने की विधि
118
65
गोपाल-मंत्र के लाभ
119
66
गोपाल-मंत्र तथा हरे कृष्ण का जप
120
चैतन्य महाप्रभु तथा गोपाल-मंत्र
122
68
अध्याय सात काम-गायत्री
123
69
परिचय
ब्रह्मा के ज्ञानोदय का इतिहास
124
भी वृंदावन धाम
134
72
ब्रह्माजी की ब्रह्म-संहिता प्रार्थनाएँ
136
ब्रह्मा जी के प्रबोधन का सारांश
139
74
75
कामदेवाय का अर्थ
142
76
विद्महे का अर्थ
144
77
पुष्प,बाणाय धीमहि का अर्थ
78
तन का अर्थ
145
अनंग का अर्थ
80
146
काम-गायत्री का अर्थ
82
क्लीं कामदेवाय विद्महे
148
पुष्प-बाणाय-धीमहि
149
84
तन नोऽनंग: प्रचोदयात्
85
काम-गायत्री के अतिरिक्त अर्थ
150
86
कृष्णचंद्र के चंद्र
151
काम-गायत्री के चिंतन
154
काम-गायत्री जप के लाभ
155
89
संदर्भ
159
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Hindu ( हिंदू धर्म ) (12493)
Tantra ( तन्त्र ) (986)
Vedas ( वेद ) (705)
Ayurveda ( आयुर्वेद ) (1890)
Chaukhamba | चौखंबा (3352)
Jyotish ( ज्योतिष ) (1444)
Yoga ( योग ) (1093)
Ramayana ( रामायण ) (1390)
Gita Press ( गीता प्रेस ) (731)
Sahitya ( साहित्य ) (23046)
History ( इतिहास ) (8221)
Philosophy ( दर्शन ) (3383)
Santvani ( सन्त वाणी ) (2532)
Vedanta ( वेदांत ) (121)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist