वर्दी क्या होती है, जानती हो ? वह क्या महज कोई पोशाक होती है, जैसा की समझा जाता है ? सुनो, वह पोशाक के रूप में 'ताकत' होती है | उसी ताकत को तुम चाहती हो | जिसको कमजोर मान लिया गया है, उसे ताकत की तमन्ना हर हाल में होगी | हाँ, वह वर्दी तुम पर फबती है | ताकत या शक्ति हर इंसान पर फबती है | लेकिन फबती तभी है जब वर्दी रूपी ताकत का उपयोग नाइंसाफी से लड़ने के लिए होता है | यह मनुष्यता को बचाने के लिए तुम्हे सौपी गई वह ताकत है, जो तुम्हारे स्वाभिमान की रक्षा करती है | सच मानो, वर्दी तुम्हारी शख्सियत का आइना है |
स्त्री की कोशिश में अगर जिद न मिलाई जाए तो उसका मुकाम दूर ही रहेगा | सच में औरत की अपनी जिद ही वह ताकत है जो उसे रूढ़ियों, जर्जर मान्यताओ के जंजाल से खींचकर खुली दुनिया में ला रही है | नहीं तो सुमन जैसी लड़कियों की पढ़ाई छुड़वाकर उसे घर बिठा दिया जाता | मेरे खयाल में आप त्रियाहट का अर्थ उस तरह समझ रही है की जो ढृढ़ संकल्प हमारे जीवन को उन्नति की ओर ले जाए |
'नहीं, शादी नहीं | मैं घर से भाग जाऊँगी', अम्मी के सामने यह कहा तो अम्मी की आँखे कौड़ी की तरह खुली रह गई | उनके होठो में हरकत थी, जैसे कह रही हो -भाग जाएगी ! भाग जाएगी ! उन्होंने जो साफ़ तौर पर कहा, वह तीर की तरह चुभा हिना को, ' भाग जा , रंडियो के कोठे पर बैठ जाना, और तू क्या करेगी क्या ?
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