Look Inside

टेढ़ी लकीर: Crooked Line

FREE Delivery
Express Shipping
$23.10
$33
(30% off)
Express Shipping: Guaranteed Dispatch in 24 hours
Quantity
Delivery Ships in 1-3 days
Item Code: HAA266
Author: Ismat Chughtai
Publisher: Rajkamal Prakashan
Language: Hindi
Edition: 2019
ISBN: 9788126708581
Pages: 368
Cover: Paperback
Other Details 8.5 inch X 5.5 inch
Weight 360 gm
Fully insured
Fully insured
Shipped to 153 countries
Shipped to 153 countries
More than 1M+ customers worldwide
More than 1M+ customers worldwide
100% Made in India
100% Made in India
23 years in business
23 years in business
Book Description
<meta content="Word.Document" name="ProgId" /> <meta content="Microsoft Word 12" name="Generator" /> <meta content="Microsoft Word 12" name="Originator" /> <link href="TEDHI LAKEER_files/filelist.xml" rel="File-List" /> <link href="TEDHI LAKEER_files/themedata.thmx" rel="themeData" /> <link href="TEDHI LAKEER_files/colorschememapping.xml" rel="colorSchemeMapping" /> <!--[if gte mso 9]><xml> Clean Clean false false false false EN-GB X-NONE X-NONE MicrosoftInternetExplorer4 </xml><![endif]--><!--[if gte mso 9]><xml> </xml><![endif]--><style type="text/css"> <!--{cke_protected}{C}<!-- /* Font Definitions */ @font-face {font-family:Mangal; panose-1:2 4 5 3 5 2 3 3 2 2; mso-font-charset:0; mso-generic-font-family:roman; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:32771 0 0 0 1 0;} @font-face {font-family:"Cambria Math"; panose-1:2 4 5 3 5 4 6 3 2 4; mso-font-charset:1; mso-generic-font-family:roman; mso-font-format:other; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:0 0 0 0 0 0;} @font-face {font-family:Calibri; panose-1:2 15 5 2 2 2 4 3 2 4; mso-font-charset:0; mso-generic-font-family:swiss; mso-font-pitch:variable; mso-font-signature:-536870145 1073786111 1 0 415 0;} /* Style Definitions */ p.MsoNormal, li.MsoNormal, div.MsoNormal {mso-style-unhide:no; mso-style-qformat:yes; mso-style-parent:""; margin-top:0cm; margin-right:0cm; margin-bottom:10.0pt; margin-left:0cm; line-height:115%; mso-pagination:widow-orphan; font-size:11.0pt; font-family:"Calibri","sans-serif"; mso-fareast-font-family:"Times New Roman"; mso-fareast-theme-font:minor-fareast; mso-bidi-font-family:"Times New Roman";} p.msopapdefault, li.msopapdefault, div.msopapdefault {mso-style-name:msopapdefault; mso-style-unhide:no; mso-margin-top-alt:auto; margin-right:0cm; margin-bottom:10.0pt; margin-left:0cm; line-height:115%; mso-pagination:widow-orphan; font-size:12.0pt; font-family:"Times New Roman","serif"; mso-fareast-font-family:"Times New Roman"; mso-fareast-theme-font:minor-fareast;} span.SpellE {mso-style-name:""; mso-spl-e:yes;} .MsoChpDefault {mso-style-type:export-only; mso-default-props:yes; font-size:10.0pt; mso-ansi-font-size:10.0pt; mso-bidi-font-size:10.0pt;} @page WordSection1 {size:612.0pt 792.0pt; margin:72.0pt 72.0pt 72.0pt 72.0pt; mso-header-margin:35.4pt; mso-footer-margin:35.4pt; mso-paper-source:0;} div.WordSection1 {page:WordSection1;} -->--></style> <!--[if gte mso 10]> <style> /* Style Definitions */ table.MsoNormalTable {mso-style-name:"Table Normal"; mso-tstyle-rowband-size:0; mso-tstyle-colband-size:0; mso-style-noshow:yes; mso-style-priority:99; mso-style-qformat:yes; mso-style-parent:""; mso-padding-alt:0cm 5.4pt 0cm 5.4pt; mso-para-margin:0cm; mso-para-margin-bottom:.0001pt; mso-pagination:widow-orphan; font-size:10.0pt; font-family:"Times New Roman","serif";} </style> <![endif]--><!--[if gte mso 9]><xml> </xml><![endif]--><!--[if gte mso 9]><xml> </xml><![endif]-->

पुस्तक परिचय

इस्मत चुग़ताई का यह उपन्यास कई अर्थों में बहुत महत्त्व रखता है । पहला तो ये कि यह उपन्यास इस्मत के और सभी उपन्यासों में सबसे सशक्त है । दूसरे इस्मत को करीब से जाननेवाले, इसे उनकी आपबीती भी मानते हैं । स्वयं इस्मत चुग़ताई ने भी इस बात को माना है । वह स्वयं लिखती हैं

कुछ लोगों ने ये भी कहा कि टेढ़ी लकीरमेरी आपबीती है मुझे खुद आपबीती लगती है । मैंने इस नाविल को लिखते वक्त क्षत कुछ महसूस किया है । मैंने शम्मन के दिल में उतरने की कोशिश की है, इसके साथ आँसू बहाए हैं और क़हक़हे लगाए हैं । इसकी कमजोरियों से जल भी उठी हूँ । इसकी हिम्मत की दाद भी दी है । इसकी नादानियों पर रहम भी आया है, और शरारतों पर प्यार भी आया है। इसके इस्को मुहब्बत के कारनामों पर चटखारे भी लिए हैं, और हसरतों पर दुःख भी हुआ है । ऐसी हालत में अगर मैं कहूँ कि मेरी आपबीती है तो कुछ ज्यादा मुबालग़ा तो नहीं

 

लेखक परिचय

जन्म 21 जुलाई, 1915 बदायूँ (उत्तर प्रदेश)

इस्पत ने निम्न मध्यवर्गीय मुस्लिम तबक़े की दबी कुचली सकुचाई और कुम्हलाई लेकिन जवान होती लडकियो की मनोदशा को उर्दू कहानियों व उपन्यासों में पूरी सच्चाई से बयान किया हे ।

इस्पत चुग़ताई पर उनकी मशहूर कहानी लिहाफ़ के लिए लाहौर हाईकोर्ट में मुक़दमा चला लेकिन खारिज हो गया । गेन्दा उनकी पहली कहानी थी जो 1949 में उस समय उर्दू साहित्य की सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक पत्रिका साकी में छपी उनका पहला उपन्यास ज़िददी में प्रकाशित हुआ । मासूमा, सैकाई जंगली कबूतर दिल की दुनिया अजीब आदमी और बांदी उनके अन्य उपन्यास हैं कई कहानी संग्रह हैं कलियाँ चोटें एक रात छुई मुई, दो हाथ दोज़खी, शैतान आदि हिन्दी में कुँवारी व अन्य कई कहानी संग्रह तथा अग्रेजी में उनकी कहानियों के तीन संग्रह प्रकाशित जिनमें काली काफ़ी मशहूर हुआ । कई फिल्में लिखीं और जुनून में एक रोल भी किया ।1943 में उनकी पहली फ़िल्म छेड़ छाड़ थी । कुल 13 फिल्मों से वे जुड़ी रही उनकी आखिरी फ़िल्म गर्म हवा (1973) को कई अवार्ड मिले ।

साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा उन्हें इक़बाल सम्मान, मखदूम अवार्ड और नेहरू अवार्ड भी मिले । उर्दू दुनिया में इस्मत आपा के नाम से विख्यात इस लेखिका का निधन 24 अम्बर, 1991 को हुआ । उनकी वसीयत के अनुसार मुंबई के चन्दनबाड़ी में उन्हें अग्नि को समर्पित किया गया।

शबनम रिज़वी

पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मी शबनम रिजवी ने दस बर्ष पूर्व इस्पत चुगताइ को अपने अध्ययन का विषय बनाया था । मूलत कहानीकार शबनम रिजवी ने तब से अब तक इस्मत की दर्जनों कहानियों के हिन्दी अनुवाद तथा उपन्यास टेढ़ी लकीर का लिप्यन्तरण किया उर्दू में उनकी पुस्तक इस्मत चुग़ताई की नावेलनिगारी 1992 में दिल्ली से प्रकाशित फ़िलहाल हिन्दी में इस्पत चुगताई ग्रन्थावली की तैयारी में व्यस्त।

आवरण चित्र विक्रम नायक

मार्च 1976 में जन्मे विक्रम नायक ने त्रिवेणी कला संगम में कला शिक्षा पाई। 1996 से व्यावसायिक चित्रकार इलस्ट्रेटर और कार्टूनिस्ट के रूप मे कार्यरत कई राष्ट्रीय दीर्घाओं के अलावा जर्मनी में भी प्रदर्शनी।

**Contents and Sample Pages**












Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question

For privacy concerns, please view our Privacy Policy