चन्द्रकांता को एक प्रेम कथा कहा जा सकता है। यह शुद्ध लौकिक प्रेम कहानी है, जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत करते हैं। नौगढ़ के राजा सुरेन्द्रसिंह के पुत्र वीरेन्द्रसिंह तथा विजयगढ़ के राजा जयसिंह की पुत्री चन्द्रकांता के प्रणय और परिणय की कथा उपन्यास की मुख्य कथा है। इस प्रेम कथा के साथ-साथ ऐयार तेजसिंह तथा ऐयारा चपला की प्रेम कहानी भी अनेकत्र झांकती
देवकीनन्दन खत्री ने समसामयिक नीति-प्रधान उपन्यासों से भिन्न कौतूहल प्रधान 'तिलिस्मी-ऐयारी उपन्यास-रचना की नई दिशा को उद्घाटित करने का सफल प्रयास किया है।
Hindu (हिंदू धर्म) (12751)
Tantra (तन्त्र) (1020)
Vedas (वेद) (706)
Ayurveda (आयुर्वेद) (1915)
Chaukhamba | चौखंबा (3359)
Jyotish (ज्योतिष) (1474)
Yoga (योग) (1100)
Ramayana (रामायण) (1384)
Gita Press (गीता प्रेस) (729)
Sahitya (साहित्य) (23221)
History (इतिहास) (8317)
Philosophy (दर्शन) (3414)
Santvani (सन्त वाणी) (2584)
Vedanta (वेदांत) (121)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist