इस पुस्तक में चिंतक और विचारक राजीव मल्होत्रा विभिन्नताओं के सीधे और सच्चे मुकाबले में आने वाली चुनौतियों के बारे में बताते है! वे ऐसा भारत के प्रति किये जाने वाले अवलोकन को उलट कर अवलोकन करने वाले की तरह स्थापित करके और पश्चिम को धार्मिक दृष्टिकोण से देख कर करते है! वे विशिष्ट रूप से दर्शाते है की जहाँ अद्वितीय ऐतिहासिक रहस्योद्घाटन पश्चिम मतों का आधार है वहीँ भारतीय धर्म शरीर में यहीं और इसी समय आत्मबोध प्राप्त करने पर बल देते है! वे भारतीय धर्म की तत्वमीमांसा को थमने वाली अभिन्न एकता की और भी इंगित करते है और इसकी तुलना कृत्रिम एकता वाले पश्चिमी विचार और इतिहास से करते है! विभिन्न एक विदुषी एवं आकर्षक पुस्तक है जो प्रचलित न्यूनकारी रूपान्तकरणो की समीक्षा करती है और भिन्नता के प्रति पश्चिम की व्यग्रता तथा व्यस्था से असाधारण आसक्ति का विश्लेषण करते है! या विविध सभ्यता के विश्वदर्शन की वकालत कर पश्चिमी सार्वभौमिका के दावे का खंडन करके समाप्त होती है
राजीव मल्होत्रा एक भारतीय अमरीकी शोधकर्ता और समसामयिकी, विश्व दर्शन अंतसर्भ्यता मुठभेड़ एवं विज्ञान के बुद्धिजीवी है! शिक्षा से एक विज्ञानिक, पहले एक वरिष्ठ सयुंक्त प्रबंधक, नीति निर्धारण परामर्शकर्ता एवं सूचना प्रोद्योगिकी एवं मीडीया के उद्दमी ! वे ब्रेकिंग इंडिया इंवेंडिग द सेक्रेड (रूपा एंड कं) के प्रधान पुरुष और एक व्यवहारी लेखक एवं वक्ता है! वे यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैसाच्युसेट्स डार्टमाउथ के इंडिया स्टडीज़ प्रोग्राम के शासक मंडल के अध्यक्ष है
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