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बाँसुरी की चीख़- Bansuri Ki Cheeck (Collection of Stories)

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Item Code: HBC956
Author: Anita Rashmi
Publisher: Poonam Prakashan, Delhi
Language: Hindi
Edition: 2013
ISBN: 81867301224
Pages: 143
Cover: HARDCOVER
Other Details 9x6 inch
Weight 280 gm
Fully insured
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100% Made in India
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23 years in business
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Book Description

किताब के बारे में

'चांसुरी की चीख अनिता रश्मि का तीसरा कहानी संकलन है। इसमें शामिल अधिकांश कहानियां पिछले दिनों विभिन्न पत्रिकाओं में जिस रूप-शिल्प में पढ़ने को मिली थीं, उस पृष्ठभूमि में देखना चाहें तो कहा जा सकता है कि इस संग्रह में उन कहानियों का कायाकल्प हो गया है। इस वस्तुस्थिति को कहानियों के शीर्षक, घटनाक्रम, कथानक के संक्षेपण और विस्तार के जरिए हासिल रचनागत संदेश में पहचाना जा सकता है।

जहां तक उनकी अन्तर्वस्तु की बात है, वह विविध परिस्थितियों के साक्षात्कार से अर्जित है। उनके कथाफलक का संसार स्त्री मन के चौखटे से झांकता बाहर का वह पूरा परिवेश है जहां आधी दुनिया की आहत संवेदनाएं जीवन के खुरदरे गद्य में उकेरी गयी हैं। अगर इस कथाभूमि को निकट से परखने की कोशिश की जाये तो वहां झारखंड के ग्रामीण और नगरीय जीवन के स्थानीय रंग अपनी विविध छवियों में उपस्थित मिलेंगे। 'कहां गयी वह', 'एक नौनिहाल का जन्म', 'लाल छप्पा साड़ी' और 'योजना' जैसी कहानियां इस वास्तविकता को सत्यापित करती हैं। आदर्शवादी मान्यताओं के प्रति निष्ठा और उसके समान्तर उससे मोहभंग की दुधारी दृष्टि को 'बांसुरी की चीख' में सराहा जा सकता है।

हिन्दी कहानी का मौजूदा दौर कथाविषय और प्रस्तुति के लिहाज से इतनी किस्मों में नुमाया हो रहा है कि समय-संदर्भ की समानताओं के कारण किसी कहानीकार की निजी पहचान को रेखांकित करना आसान नहीं रहा। तो भी आज हर खोजी आंख उसे अपने अंदाज से आंकने में जुटी है। अनिता रश्मि की लोकरंग की शब्दावली उन्हें पाठकों से जोड़ती है। इसकी तस्दीक के लिए मैं आपकी परख का मुंतजिर हूं।

लेखक के बारे में

सृजन किशोरावस्था से प्रारंभ । अर्थात 1975 से। कई विधाओं में लेखन। पहला उपन्यास 19-20 साल की उम्र मे लिखा। पहली रचना गजल के रूप में 'नवतारा', 1978 (सं. भारत यायावर) में छपी। कालान्तर में चतरा के ग्रामीण क्षेत्र तथा बरहरवा संथाल परगना के प्रवास ने लेखनी को समृद्ध किया। दो उपन्यास, दो कहानी संग्रह तथा एक लघुकथा संग्रह प्रकाशित। हंस के बहुचर्चित विशेषांक-सता विमर्श और दलित, वागर्थ, कथाक्रम, ज्ञानोदय, जनसत्ता आदि में प्रकाशित कहानियाँ चर्चित । कहानियों का मलयालम, तेलुगु में अनुवाद । कई पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता भी की। चंद पुरस्कार-सम्मान ।

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