बहाई साहित्य की कड़ी में यह पहली पुस्तक है, जिसमें सरकारी संग्रहालयों से प्राप्त दस्तावेजों का उपयोग किया गया है। इसके लिए मैं मूजान मोमेन के प्रति आभार प्रकट करता हूँ, जिन्होंने लंदन तथा अन्य स्थानों के पब्लिक रिकार्ड ऑफिस से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर किए गए अपने शोधकार्य के परिणाम मुझे उपलब्ध कराए।
बाब और बाबियों के सम्बन्ध में आधिकारिक सूचनाएँ प्राप्त करने वाले ब्रिटेन के दो विदेश सचिवों में एक थे अर्ल (इंग्लैण्ड में सरदार की उपाधि) ऑफ अबरदीन जो सर रार्बट पील के अधीन सन् 1841 से 1846 तक कार्यरत रहे और विसकाउण्ट (उप-सामन्त) पामर्सटन, जिनकी कार्यावधि लार्ड जॉन रसेल के अधीन जुलाई 1846 से जनवरी 1852 तक थी। इन रिर्पोटों और सूचनाओं को लन्दन भेजने का प्रमुख दायित्व लेफ्टिनेंट कर्नल (बाद में सर जस्टिन) शील का था, जो तेहरान में मंत्री पद पर आसीन थे। उनके पास लॉर्ड पामर्सटन द्वारा भेजे गए पत्रों से ज्ञात होता है कि बाब और बाबियों से सम्बन्धित जानकारियाँ महारानी के समक्ष रखी जाती थीं।
मैं अबुल कासिम अफनान का बहुत आभारी हूँ जिन्होंने अपने पिता स्वर्गीय हाजी मिर्ज़ा हबीबुल्लाह का तारीखवार इतिहास और उनकी आत्मकथा के साथ-साथ बाब द्वारा लिखे गए सम्बन्धियों के नाम पत्रों को तुरंत उपलब्ध कराया और साथ ही अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज पुस्तक में शामिल करने के लिए दिए।
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