Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
1M+ Customers
1M+ Customers
Serving more than a
million customers worldwide.
25+ Years in Business
25+ Years in Business
A trustworthy name in Indian
art, fashion and literature.

आयुर्वेद- सारसंग्रह (आयुर्वेदीय औषधियो के निर्माण, प्रयोग और गुण धर्मो का विशद विवेचन): Ayurveda Sara Sangrah

$38
Express Shipping
Express Shipping
Express Shipping: Guaranteed Dispatch in 24 hours
Specifications
NZA777
Publisher: Shree Baidyanath Ayurved Bhawan Pvt. Ltd.
Language: Hindi
Edition: 2023
Pages: 832
Cover: Paperback
8.5 inch X 5.5 inch
750 gm
Delivery and Return Policies
Ships in 1-3 days
Returns and Exchanges accepted with 7 days
Free Delivery
Easy Returns
Easy Returns
Return within 7 days of
order delivery.See T&Cs
1M+ Customers
1M+ Customers
Serving more than a
million customers worldwide.
25+ Years in Business
25+ Years in Business
A trustworthy name in Indian
art, fashion and literature.
Book Description


प्रस्तुत संस्करण का प्रकाशकीय वक्तव्य

इन्द्रिय, सत्व (मन) ओर आत्मा का सयोग आयु किंवा जीवन और इस (जीवन किंवा आयु) का शास्त्र (आयुके वेद) यह आयुर्वेद मानव-जीवन के सर्वागडीण विकास का ही शास्त्र है। फिर इसकी सीमा कैसी?

'न ह्यस्ति सुतरामायुर्वेदस्य पारम् । तस्मादप्रमत्त: अभियोगेऽस्मिन्

गच्छेत् उरमित्रस्यापि बच: यशस्यं आयुष्यं श्रोतव्यमनुविधातव्यं ।।'

प्रस्तुत पुस्तक आयुर्वेद का कुम्भ है जिसमें सारतत्व के माध्यम से अमृत भरा है । इस पुस्तक में आयुर्वेद के विषय में जो भी कहा गया है खुले मन से बैद्यनाथ प्रकाशन ने सदैव उसका निर्वाह करने का प्रयत्न किया और सफल भी रहै। जो सारांश इस पुस्तक में दृष्टगत होना है, वही अन्य मौलिक ग्रन्यों में दिखाई देता है । बैद्यनाथ की चिता है कि आयुर्वेद के माध्यम से मानव एव प्राणी जगत को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो ''आदानं हि विसर्गाय सतां वारिमुचामिव'' के अपने अति पुराने आदर्श पर चलकर यह संस्थान विगत 63 वर्षों से आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार का सराहनीय कार्य कर रहा है इस संस्थान के माध्यम से आयुर्वेद के अध्ययन-शिक्षण तथा चिकित्सा व्यवसाय को भी निरन्तर प्रेरणा और प्रोत्साहन देने का कार्य हो रहा है। आयुर्वेद के क्षेत्र में यह कार्य भारत का आधार-स्तम्भ सिद्ध होता है कोई भी पुस्तक हो, उसके माध्यम से बहुत कुछ जाना जा सकता है आयुर्वेद किस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करता है जनता में प्रचलित शब्द क्या हैं, उसका उपयोग कहाँ और कैसे हो इन समस्त विशेषताओं से पुस्तक पूर्णत समृद्ध है । यह तो बात हुई सर्व साधारण की परन्तु सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय यह है कि यह पुस्तक आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए भी अति उपयोगी सिद्ध हो चुकी है।

पुस्तक यह भी बताती है कि रसायन-शास्त्र क्या है, उसके द्वारा क्या कार्य होता है, यन्त्रों की उपयोगिता कहाँ पर होती है उसके द्वारा औषध-निर्माण का सम्पूर्ण विवरण समझाया गया है। अनुपान की व्याख्या मिलती है रोग के अनुकूल सकेत हैं जहाँ रत्न-प्रकरण आरम्भ किया गया है। इस रस-प्रकरण में रसों की गुणवत्ता, शोधन-मारण, गुण-धर्म एवं प्रयोग-विधि की विस्तृत व्याख्या तथा आयुर्वेद एवं यूनानी वैद्यक में प्रयुक्त होने वाली सभी प्राणिज, खनिज एवं उदुभिज्ज द्रव्यों का विसात वर्णन किया गया हैं ।

पुलक यह भी सिद्ध करती है कि आयुर्वेद एवं यूनानी योगों के निर्माण एव प्रधान गुणों की स्पष्ट व्याख्या करके रोगों में उसका प्रयोग कैसे होता है, इसका भी स्पष्ट उल्लेख है। अपने इन्हीं गुणों के कारण यह पुस्तक चिकित्सक वर्ग को बहुत अधिक लाभ पहुँचाती है चिकित्सा जगत में इसका बहुत महत्व है।

आज सेर, छटाक, तोला, माशा का प्रयोग नहीं होता। वर्तमान में दाशमिक (मीटरिक) मान (तौल) के साथ कार्य होता है जिसका विवरण इस पुस्तक में स्पष्ट किया गया है। इसके अतिरिक्त पारद-सस्कार, कृपीपक्व रसायन अर्क आदि बनाने के लिए नवीन एव प्राचीन यत्रों का उल्लेख किया गया है । आयुर्वेद में प्रयोग होने वाली औषधियो में बहुत सी ऐसी हैं।

जिनका उपयोग विषाक्त होता है उनका शोधन-परिवर्द्धन करना आवश्यक है । यह बात भी उचित ढंग से समझाई गई है यही कारण है कि इस ग्रन्थ को भारत सरकार द्वारा नियुक्त आयुर्वेद फार्माकोपिया कमेटी के विद्वान् सदस्यों ने इसकी गुणवत्ता को समझा और इसे आयुर्वेद फार्माकोपिया ग्रन्यों की सूची में सम्मिलित करने का निश्चय किया है। इसी बात से इसके महत्व को समझा जा सकता है।

सम्पूर्ण ग्रन्थ की भाषा सरल हिन्दी है। इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है जिससे इस पुस्तक को पढ़ने में किसी को कोई कठिनाई न आने पाये । सभी वर्ग गहनतापूर्वक अध्ययन कर ले । पाठकों को यह भी ज्ञात होना है कि बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन लिमिटेड ने आयुर्वेद के अन्वेषण हेतु एक महत्वपूर्ण कार्य करने का निश्चय किया है, अन्वेषणालय (Research Institute),प्रयोगशाला (Laboratory) तथा आतुरालय (Hospital) वनस्पति-अन्वेषण के लिए काशी विश्वविद्यालय के वनस्पति शास्त्रवेत्ताओं की अध्यक्षता में कार्य आरम्भ हो चुका है।

आज जहाँ अंग्रेजी दवाओं के कुप्रभाव से लोग दुखी हैं। अधिकांश गरीब जनता अपने रोग को जड से नाश करने में असमर्थ है वहीं आयुर्वेद रामबाण है । रोगों का समूल नाश करने वाला इलाज। जीवन को सुख, शान्ति एव निरोग रहने का मार्ग दर्शाने वाला। आज भारत से इतर सम्पूर्ण विश्व में जडी-बूटियों पर जनता का विश्वास बढता जा रहा है। आयुर्वेद अति लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि इसमें ऐसी शक्ति है जो जटिल रोगों को दूर कर सकती है। यही कारण है कि आयुर्वेद पर आधारित अनेकानेक ग्रन्यों का हम निरन्तर प्रकाशन करने जा रहे है जनता लाभान्वित हो रही है।

वर्तमान में समस्त ससार प्रत्येक प्रदूषण से जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में शरीर के अन्दर फैले प्रदूषण को आयुर्वेद ही समाप्त करने में सक्षम है। यही मुख्य कारण है कि इस ग्रन्थ का प्रकाशन निरन्तर हर वर्ष होता रहता है । तेरहवाँ संस्करण आपके हाथों में देते हुए हमें अपार हर्ष हो रहा है आशा है हमारे पाठक सदैव की भांति इस तेरहवें संस्करण के महत्व को समझेंगे तथा हमारी कमियों को बतायेंगे। आपका मार्गदर्शन हमारे लिए संजीवनी है।

 

प्रकरण-सूची

1

प्रकरण

2-94

2

परिभाषा- प्रकरण शोधन-मारण-प्रकरण (धातु-उपधातुओं का शोधन,

भस्म- निर्माण और उनके गुण-धर्म)

95-223

3

कूपीपक्व रसायन-प्रकरण

224-277

4

द्रव्य-शोधन-प्रकरण

278-282

5

रस-रसायन-प्रकरण

283-495

6

गुटिका-बटी- प्रकरण

496-547

7

पर्पटी-प्रकरण

548-561

8

लौह-मण्डूर-प्रकरण

562-588

9

गुग्गुलु- प्रकरण

589-602

10

अवलेह-पाक- प्रकरण

603-683

11

अर्क-प्रकरण

639-649

12

शर्बत- प्रकरण

650-658

13

चूर्ण प्रकरण

659-696

14

क्षार-लवण और सत्व-प्रकरण

697-705

15

आसवारिष्ट-प्रकरण

706-760

16

घृत-प्रकरण

761-773

17

तैल-प्रकरण

774-800

18

क्वाथ-प्रकरण

801-817

19

प्रवाही क्वाथ-प्रकरण

818-825

20

मरहम (मलहम)

826-831

Sample Pages





















Frequently Asked Questions
  • Q. What locations do you deliver to ?
    A. Exotic India delivers orders to all countries having diplomatic relations with India.
  • Q. Do you offer free shipping ?
    A. Exotic India offers free shipping on all orders of value of $30 USD or more.
  • Q. Can I return the book?
    A. All returns must be postmarked within seven (7) days of the delivery date. All returned items must be in new and unused condition, with all original tags and labels attached. To know more please view our return policy
  • Q. Do you offer express shipping ?
    A. Yes, we do have a chargeable express shipping facility available. You can select express shipping while checking out on the website.
  • Q. I accidentally entered wrong delivery address, can I change the address ?
    A. Delivery addresses can only be changed only incase the order has not been shipped yet. Incase of an address change, you can reach us at help@exoticindia.com
  • Q. How do I track my order ?
    A. You can track your orders simply entering your order number through here or through your past orders if you are signed in on the website.
  • Q. How can I cancel an order ?
    A. An order can only be cancelled if it has not been shipped. To cancel an order, kindly reach out to us through help@exoticindia.com.
Add a review
Have A Question
By continuing, I agree to the Terms of Use and Privacy Policy
Book Categories