पुस्तक के विषय में
दो शब्द
'आयुर्वेद’ विश्व की समस्त चिकित्सा-पद्धतिर्यो की जननी है । 'आयुर्वेद चिकित्सा-पद्धति' भारतीय जनमानस में सदियों से रची-बसी हुई है। अन्यान्य चिकित्सा-पद्धतियों की अपेक्षा यह काफी आसान एवं सुलभ भी है। आयुर्वेद महर्षियों ने हजारों वर्ष पूर्व स्वास्थ्य विषयक जो सूचनाएँ दी थी, वे आज भी वैज्ञानिक कसौटियों पर खरी उतर रही हैं। यकीनन आज भी प्राचीन भारतीय वाङ्मय बौद्धिक आध्यात्मिक एवं वैचारिक दृष्टि से विश्व में प्रमुख स्थान रखता है। भारतीय जड़ी-बूटियों से निर्मित उत्पादों की विदेशों में निर्यात दर दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आयुर्वेद में 'आँवले को रसान गुणों से युक्त फल कहा गया है।
'आँवला' आयुर्वेद की और से पीड़ित मानवता के लिए दिया गया एक अनूठा उपहार है। यह एक ऐसा फल है जो विटामिन- 'सी' की उच्च मात्रा से सराबोर है। आहार विशेषज्ञों के अनुसार दिमाग के विविध कार्यों के सुचारु सम्पादन में विटामिन- 'सी' की महत्त्वपूर्णभूमिका होती है। अर्वचीन आहार विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि हमें 'नॉन एथरोजीनिक' आहार द्रव्यों का सेवन करना चाहिए, जिसके अन्तर्गत विविध फल-तरकारिर्यो गिरिदार फलों कन्द मूल तथा शाकाहार का समावेश किया गया है। आँवला भी इसका बेहतरीन उदाहरण है। आँवले में पाई जाने वाली विटामिन- 'सी' की उच्च मात्रा से मस्तिष्क में 'सेरिटॉनिन' नामक रसायन की उत्पत्ति होती है,जिसमें सुगमतापूर्वक नींद आती है और भावनाएँ भी सकारात्मक हो जाती हैं।
भारतीय धर्म-शास्त्रों में भी 'आँवले' का महत्व पहचानते हुए इस वृक्ष की पूजा करने का विधान किया गया है।
प्रसंगवश हमें सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के विचारों से अवगत होना चाहिए- "आयुर्वेद एक निर्दोष चिकित्सा-पद्धति है यह केवल व्याधियों का विज्ञान न होकर समग्र स्वास्थ्य का विज्ञान है यह मनुष्य मात्र को दीर्घजीवी बनाता है प्राचीन अनुभव आयुर्वेद का है, उतना किती अन्य चिकित्सा-पद्धति का नहीं।"
सुप्रसिद्ध फ्रांसीसी विद्वान् चार्ल्स डेलोन भी लिखते हैं-''भारतीयों ने अपने लम्बे अनुभव और अध्ययन से अनेकानेक बीमारियों की जड़ पकड़ने में जो सफलता हासित की है वह इस देश की जलवायु में इलाज का सर्वश्रेष्ठ माध्यम तो है ही साथ ही विदेशी चिकित्सकों को भी इसका लाभ उठाना चाहिए। आँवले से बनने वाले च्यवनप्राश इत्यादि औषधियाँ दुनियाभर में सराही जा रही हैं। स्वास्थ्य संरक्षण के लिए आँवले जैसा अनुपम फल अभी तक अनुपलब्ध है।
प्रस्तुत पुस्तक में आँवले से सम्बन्धित शास्त्रीय एवं प्रामाणिक जानकारियाँ दी गई हैं। चूँकि पुस्तक जनसाधारण के लिए लिखी गई है, इसलिए आयुर्वेद के जटिल शब्दों क्रो यथासम्भव आसान बनाते हुए पाठकों के लिए बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया है। स्थान-स्थान पर आयुर्वेदीय ग्रंथों के मूल सन्दर्भ भी दिए गए हैं, जिनके कारण विशेषज्ञों की भी पुस्तक-पठन में रुचि बनी रहेगी। आँवले से सम्बन्धित प्राचीनतम सूचनाओं के साथ-साथ आँवले से सम्बन्धित नवीनतम अनुसन्धानों को भी पुस्तक में स्थान-स्थान पर सन्दर्भित किया गया है । आशा है कि इस पुस्तक से पाठकों को अपना स्वास्थ्य बनाने में मदद मिलेगी। ऐसे नुस्खों अथवा प्रयोगों को पुस्तक में सम्मिलित नहीं किया गया है, जो आम पाठक के लिए कठिन एवं समझ से परे हों। आपके दीर्घ एवं स्वस्थ्य जीवन की मंगल कामनाओं के साथ।
लेखक परिचय
जन्म: 6 अक्टूबर, 1969
शैक्षणिक योग्यताएँ: आयुर्वेदाचार्य (राजस्थान विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर सन् 1994) आयुर्वेद वाचस्पति (एम. डी. आयुर्वेद) गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर सन् 1999
सम्प्रत्ति: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में 'गवर्नमेन्ट आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफीसर' पद पर सेवारत (1999 से)
प्रकाशन: फलों से स्वास्थ्य सम्वर्धन (राजस्थान प्रकाशन, जयपुर से 1999 में) फूलों से स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य (पूर्ववत्) जीवनदायिनी हरड़ (पापुलर बुक डिपो, जयपुर 2014 में) कादम्बिनी, दैनिक हिन्दुस्तान (नई दिल्ली) राजस्थान पत्रिका (जयपुर, अहमदाबाद), इतवारी पत्रिका (जयपुर), नवभारत टाइम्स (नई दिल्ली), मुक्ता (दिल्ली -प्रेस), राष्ट्रीय सहारा (नई दिल्ली), दैनिक जागरण, नवनीत (मुम्बई), गृहगोभा, मेरी सहेली (मुम्बई), तीज (पूना-महाराष्ट्र), गृहलक्ष्मी, भारतीय गृहदेवी, आयु (जामनगर), अरुणप्रभा (अलवर), हैल्थ और न्यूटीशन (मुम्बई), दैनिक नवज्योति (जयपुर), विकास (डाबर), मातृ-वंदना (शिमला), गिरिराज (शिमला) धर्मयुग (द टाईम्स ऑफ इण्डिया), जनसत्ता (नई दिल्ली) इत्यादि राष्ट्रीय हिन्दी पत्र एवं पत्रिकाओं में हजारों स्वास्थ्य विषयक सचित्र आलेख प्रकाशित।
विशेष: आकाशवाणी के अलवर एवं राजकोट (गुजरात) केन्द्रों से सन् 1995 से स्वास्थ्य विषयक अनेक वार्त्ताएँ प्रसारित हुई। वर्तमान में शिमला-दूरदर्शन से प्रसारित स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आयुर्वेद विशेषज्ञ के रूप में प्रस्तुति।
विषय-सूची
1
आँवला: एक परिचय
2
वनस्पतिक परिचय
3
विभिन्न भाषाओं में आँवले के नाम
4
आँवला रसायन है
5
केवलामलक रसायन
6
आधुनिक दृष्टिकोण से आँवले में पाए
7
जाने वाले तत्त्वों का विश्लेषण
8
आयुर्वेद और आँवला
9
चरक संहिता में बताए गए आँवले
10
के गुण
11
विटामिन- 'सी ' और आँवला
12
दही और आँवला
13
स्वस्थ्य स्वास्थ्य रक्षण
14
सूखे हुए आँवले के गुण
15
भोजन और आँवला
16
दूध के साथ आँवला लिया जाए
17
या नहीं?
18
आँवला और हरड़ के गुणों में
19
अन्तर?
20
आँवला सेवन निषेध
21
राजा भोज द्वारा कही गई आँवले की
22
महिमा
23
आँवला और पंडित मदनमोहन
24
मालवीय के अनुभव
25
भारतीय लोक-कहावतों में आँवला
26
तथा उसके सेवन से होने वाले लाभ
27
धार्मिक दृष्टिकोण और आँवला
28
विविध संस्थानगत रोगों में आँवले के
29
उपयोग
30
आँखों के विकार और आँवला
31
आयुर्वेद महर्षि सुश्रुत के अनुसार नेत्र रोगों
32
के विविध कारण
33
नेत्र ज्योति दुर्बलता
34
नेत्रों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए
35
प्रयोग '
36
वायु, पित्त और कफ सम्बन्धी नेत्र
37
रोगों पर ताजा आँवलों के रस का
38
प्रयोग
39
आँखों की धुँध पर
40
आँखों के फूले पर
41
एक विशिष्ट प्रयोग
42
यौन सम्बन्धी
43
यौन विकार और आँवला
44
वीर्य पैदा करने वाले तथा वीर्य को
45
प्रवृत्त करने वाले द्रव्य
46
वीर्य-पुष्टिकर दूसरा प्रयोग
47
वीर्यरक्षक चूर्ण
48
आयुर्वेदीय विश्वकोष में आँवला
49
बालों के विकारों पर आँवला
50
केशकल्प-1
51
केशकल्प-2
52
केशकल्प-3
53
केशकल्प-4
54
केशकल्प-5
55
'बालों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए
56
अन्यान्य उपयोगी उपाय
57
आँवले का विशेष प्रयोग
58
आँवले का तेल
लेखकीय मंतव्य
लम्बे समय से लगातार स्वास्थ्य साहित्य, पत्र पत्रिकाएँ, अखबारों का अध्ययन करते हुए मैं रोगियों के रोग को दूर करके स्वस्थ बनाने हेतु उपलब्ध, अनुभूत, सफल, खोजपूर्ण तथ्यों का संग्रह करता रहा । अनुभूत और सफल कहने का तात्पर्य है जिस किसी पुस्तक, पत्रिका के लेखक ने अपने किसी सफल चिकित्सा प्रयोग को बताया और लिखा कि यह रामबाण नुस्खा है, सदियों से परम्परागत रूप में परिवार में इसका प्रयोग किया जाता रहा है, बहुतायत में रोगियों को इससे लाभ हुआ है, उनके इस प्रकार के लेखन को मैंने भी रोगियों की चिकित्सा करते हुए उनका प्रयोग करके हानिरहित सर्व सुलभ, सस्ता और सरल व सफल पाया । उस चयनित सामग्री को लिखकर यह नवीन पुस्तक स्वदेशी चिकित्सा के सफल प्रयोग नाम से जनता के हाथों में उपलब्ध कराते हुए अतीव प्रसन्नता अनुभव कर रहा हूँ । स्वस्थ और अच्छा जीवन जीने के लिये इस पुस्तक की आवश्यकता है । घरेलू चिकित्सा के लिये यह प्राथमिक आधार तो सिद्ध होती ही है, साथ ही जो चिकित्सा कराते कराते निराश, आर्थिक संकट से आगे चिकित्सा कराने में असमर्थ और मस्तिष्क को चकाचौंध करने वाली खर्चीली चिकित्सा पद्धतियों से दुःखी हैं, उनके लिए सहज सुलभ विकल्प है । इस पुस्तक में बताये गये प्रयोगों से रोगी रोगमुक्त हो सकेंगे। यह पुस्तक मेरा कोई नया शोध नहीं है। हमारे खाद्य पदार्थों मैं शरीर को आरोग्य करने के गुण भरे पड़े हैं लेकिन हमें इनके गुणों की जानकारी नहीं है । हम उचित सेवन विधि प्री नहीं जानते। बीमार होने पर इनका चिकित्सकीय प्रयोग नहीं करते, सीधे दवा की ओर भागते हैं । इस पुस्तक की सामग्री से इन कमियों को दूर करके अपनी चिकित्सा आप स्वयं ही करके स्वस्थ और अपने कार्य में क्रियाशील रहते हुए उन्नति की ओर बढ़ते रहेंगे ।
मेरे मन में एक लगन भरी हुई है कि अनेक चिकित्सा पद्धतियों की तरह एक नई चिकित्सा पद्धति भोजन के द्वारा चिकित्सा विकसित हो, इसी क्रम में मेरी पूर्व प्रकाशित अनेक किताबों की कड़ी में यह नया सृजन है । मेरी भोजन सम्बन्धी पुस्तकों की सूची इस पुस्तक के अंत में दी गई है ।
मेरे श्रम का मूल्यांकन करने वाले प्रबुद्ध लोगों से आशा है कि वे इस पुस्तक के प्रचार प्रसार, लोगों के हाथों में पहुँचाने का नैतिक सहयोग देकर मुझे उत्साहित करेंगे ।
लोकहित में सभी सुखी, स्वस्थ रहें, इन्हीं भावनाओं के साथ।
विषय सूची
अगरबत्ती
148
अर्जुन
112
अण्डों का सेवन हानिकारक
156
अन्य फूल
144
अनार
अनार और काले अंगूर का रस
205
अफीम
179
अमलतास
अमृतधारा
114
अमृत भोजन
115
अश्वगंध
71
असाध्य रोगों का उपचार
242
आक
आकड़ा
223
इन्फ्रारेड रेज
233
ईसबगोल
159
एंटीबायोटिक्स
240
एंटीबायोटिक्स ऑयल क्या हे?
131
ॐ से उपचार
119
अंकुरित अनाज
117
ककड़ी का रस
203
कचुम्बर
212
कतीरा
208
कपूर
170
कम खायें
244
कमर दर्द के लड्डू
कमल
145
करंज
118
कलौंजी
91
काँटेदार थूहर
224
कायफल
काशीफल दानामेथी की सब्जी
कुलथी
116
कृत्रिम रंग
केले का हलवा
211
केवड़ा
146
केसर
कैर
225
कैंसर
76
क्रोध
234
खस
142
ग्लिसरीन
231
गाठिया या जोड़ों का दर्द
188
गर्मी के मौसम में दिनचर्या
228
गाजर और चुकन्दर का रस
204
गाजर और पालक का रस
गुडहल
गुलाब
137
गूलर
गैंदा
गन्ध गाथा
129
घूमना
235
चटनी
चन्दन
135
चनादाल मेथी की सब्जी
चम्पा
चमेली
143
59
चिरायता
60
चिरौंजी
209
61
चिलगोजे
62
चोकर
168
63
जम्हाई
64
जलेबी
227
65
जीवनरक्षक शक्तिदायक पेय
66
जूही
67
जौ का दलिया
94
68
जोडों का दर्द
69
टिक्स
70
डबलरोटी
183
ढाक (पलास)
72
त्वचा सौंदर्य
128
73
तरबूज, अदरक का रस
74
तालमखाना
75
तुलसी
81
तेजपात
77
दर्द की गोलियां खतरनाक
78
दर्द निवारक औषधियों
241
79
दानाथेथी का नमकीन दलिया, उपमा
80
दानामेथी की सब्जी
दानामेथी के पराठे, रोटी, पूरी
82
दानामेथी के व्यंजन
83
दानामेथी सलाद
84
दालचीनी
85
दियासलाई
86
दीर्घजीवी होने के उपाय
220
87
दोज (दूब, दूर्वा)
88
दौड़ना
236
89
धतूरा
90
धातुदौर्बल्य
217
धूम्रपान
180
92
नागकेशर
93
नारियल का पानी
206
नींद
95
नींद में खर्राटे
96
नीम
147
97
नीरा, नीरा में पोषक तत्त्व
166
98
नेत्र रोग
99
नेत्रों के लिए आराम
238
100
नेत्रों के लिए भोजन
237
101
प्राकृतिक चिकित्सा दैनिक कार्यक्रम और भोजन
210
102
पाचन शक्तिवर्धक
103
पान
172
104
पापड़
105
पिपरमिन्ट
106
पीपल (पिप्पली)
176
107
पीपल वृक्ष
177
108
पेठा
109
फ्लोरिन
178
110
फल, सब्जियों का रस
111
फिटकरी
फिनाइल
113
फूलों सी सुगंध
फ्रूट सलाद
बबूल
बुढ़ापे की लाठी
245
भूख
भोजन
भोजन में ठडा गरम भ्रातियाँ
120
मकड़ी का जाला
121
माधवी
122
मालिश
123
माँसाहार से हानियाँ
157
124
मिट्टी
169
125
मिट्टी का तेल
232
126
मिश्रित रस
127
मुल्तानी मिट्टी
मुलहठी
163
मूँगबड़ी (मँगोड़ी) दानामेथी की सब्जी मेथी
130
मेथी
आलू की सब्जी
132
मेथी की बर्फी
133
मेथी के चावल
134
मेथी के लड्डू
मेथी पराठा
136
मेथीपाक
मेहँदी (हिना)
138
मोगरा, मोतिया
139
मोटापा
239
140
मोतियाबिंद
141
मोरारजी का भोजन
162
मौलसिरी (बकुल)
रस
202
राजस्थानी दानामेथी की सब्जी
रातरानी
रिजका
226
रीठा
रुद्राक्ष
222
149
रेशेदार भोजन
214
150
रोग और पथ्य
151
वंशलोचन
221
152
विशेष भोजन
213
153
वैसलीन
154
वैज्ञानिक है शाकाहार
155
शक्तिवर्धक पेय
शक्तिवर्धक सलाद/रस
शतावरी
158
शराब
शहतूत
160
शाक वाले पर्याप्त और अपर्याप्त आहार
161
शाकाहार
शाका हार क्यों
शाकाहार से दीर्घायु
164
शाकाहार से पाचन संस्थान के रोगों से बचाव
165
शाकाहार से लाभ
शाकाहारी भोजन
167
शिरीष
शिशुओं का पौष्टिक भोजन
216
शंखपुष्पी
स्नायविक रोग निवारक चूर्ण
171
स्प्रिट
230
स्वरों के उच्चारण की विधि
173
स्वरों से रोगशमन
174
स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक
243
175
स्वस्थ संतान
स्वास्थ्यप्रद नियम
स्वास्थ्य रक्षा
सत्यानाशी
सदाबहार
सफैद कागज
181
सफेद गुलाब
182
सर्दी के इत्र
सहजन
184
साबुन
185
साबूदाना
189
186
साँस
187
सिगरेट
सिंदूर
सिर की मालिश
190
सिरस
229
191
सुगंध चिकित्सा
192
सुगंध चिकित्सा के एसेन्सियल ऑयल
193
सुगंधित स्नान
194
सुपाच्य मेथी पुलाव
195
सुपारी
196
सुहागा
201
197
सूप
198
सूरजमुखी
199
सेब, अगूर, नाशपती का रस
200
सोडा
सोयाबीन
सोयाबीन के खाद्य पदार्थ
सोराइसिस
सौंफ
हर्बल बाथ
हर्र
207
हारसिंगार (पारिजात)
त्रिफला
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