विशेषताएँ:
रोगियों की चिकित्सा करके स्वस्थ होने पर सुखानुभव: सरल, सस्ती चिकित्सा उपलब्ध कराना; पुराने, असाध्य रोगों की बिना चीर-फाड़ चिकित्सा करना; पेट, कमर, वक्ष, स्त्री रोगों, असाध्य रोगों की सफल चिकित्सा का अधिक अनुभव; प्राय: होने वाले सभी रोगों, नये एवं जटिल रोगों की दीर्घकाल से चिकित्सा करते हुए गहन अनुभव; रोगी के भोजन की ऐसी व्यवस्था जिससे भोजन भी औषधि की तरह लाभ देता हुआ पोषण करे । दूर रहने वाले रोगियों की पत्र- व्यवहार द्वारा चिकित्सा एवं परामर्श। अपने ज्ञान और अनुभव को दूसरों को बताना एवं चिकित्सा में रूचि रखने वालों का मार्ग-दर्शन करना।
प्रकाशकीय
डॉ. पीयूष त्रिवेदी देश के प्रतिष्ठित आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर चुम्बक, योग आदि वैकल्पिक चिकित्साओं के परामर्शदाता हैं। डॉ. त्रिवेदी का जन्म जुलाई, को राजस्थान प्रान्त के पुष्पित-पल्लवित होकर डॉ. पीयूष सन् में आयुर्वेद विषय में स्नातक उपाधि से विभूषित हुए। आपने अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आयुर्वेद शिक्षण केन्द्र 'राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में शिक्षा ग्रहण की। आप एक्यूप्रेशर विज्ञान में मास्टर डिग्री ऑफ अल्टरनेटिव थैरपी सुजोक थैरेपी इन मास्को, डिप्लोमा इन योगा एवं गोल्ड मेडलिस्ट इन एक्यूप्रेशर थैरेपी अशन उपाधियों से विभूषित हैं। विभिन्न उपलब्धियाँ अर्जित करते हुए आपने विभिन्न समाजिक संस्थाओं के माध्यम से जन-जन की सेवा करते हुए आज लाखों लोगों को चिकित्सा कौशल द्वारा राहत प्रदान की है। आप द्वारा से अधिक चिकित्सा शिविरों के माध्यम से आज प्रचलित रोगों जैसे-स्लिप डिस्क, स्पोण्डिलाइटिस, जोड़ों का दर्द, नये एवं पुराने दर्द, हड्डी रोग सभी शारीरिक एवं मानसिक रोग से ग्रसित रोगियों को लाभ मिला है। अब तक लगभग आपके द्वारा से 6 लाख तक रोगी स्वास्थ्य लाभ कर चुके हैं। असाध्य समझे जाने वाले रोग स्लिप डिस्क रोग के उपचार में आपको महारथ हासिल है, राजस्थान प्रांत में इस कारण आपको श्रेष्ठ चिकित्सकों में गिना जाने लगा है । आज साधारण से साधारण एवं सभी वी आईपी आपकी सेवाओं से परिचित एवं खुश हैं। आप चिकित्सीय गुणों से पूर्ण, सरल, मृदुभाषी, गुणी, रोग विशेषज्ञ एवं सेवाभावी हैं।
विभित्र राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित ज्ञानवर्धक लेखों के धनी डॉ. त्रिवेदी ने स्वामी रामदेव योगाचार्य स्वीकृत 'योगासन एवं प्राणायाम', 'चुम्बकीय चिकित्सा', 'एक्यूप्रेशर' अनुभूत चिकित्सा योग' आदि पुस्तकें लिखी है जो सम्पूर्ण देश में उपलब्ध है।
आप राज्यपाल द्वारा सम्मान प्राप्त चिकित्सक हैं। जयपुर हैं। जयपुर समोहर मिलेनियम: नागरिक सम्मान; गुणीजन- सम्मान एवं विभित्र सामाजिक संगठनों एवं प्रतिष्ठित संस्थाओं से प्राप्त पुरस्कारों एवं सम्मानों से आप अलंकृत हैं।
प्रकाशन: राजस्थान -पत्रिका, जनसत्ता, पंजाब केसरी, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, महका भारत, राष्ट्रदूत, जनसत्ता, राष्ट्रीय सहारा, हैल्थ टाइम्स, हैल्थ म्यू टाइम्स ऑफ इण्डिया, गृहशोभा, गृहलक्ष्मी, मनोरमा, एक्यूप्रेशर समाचार, सरस सलिल, दैनिक जागरण, गुलाबी जगत समाचार, आयुर्वेद विकास (डॉ.बर), धन्वन्तरि मासिक पत्रिका, शिविरा, न्यूज टूडे, जैन पथ प्रदर्शक (टोडरमल स्मारक) । संपादक : हैल्थ टाइम्स (अल्टरनेटिव थैरेपी), एक्यूप्रेशर-सार
अध्यक्ष: एक्यूप्रेशर सेवा समिति (रजि), जयपुर इंडियन एक्यूप्रेशर सोसायटी, जयपुर
उपाध्यक्ष: श्री कल्याणी सहाय आयुर्वेद ग्रंथ संग्रहालय, जयपुर
सदस्य: राजस्थान अल्टरनेटिव थैरेपी इन्स्टीटयूट रख सुजोक थैरेपी इंस्टीटयूट मास्को, विश्व आयुर्वेद परिषद आरोग्य भारती, गौ सेवा सरक्षण-संवर्धन परिषद बग हेल्प एसोसिएशन, एस एम एस मेडिकल कॉलेज, जयपुर; अन्तर्राष्ट्रीय अल्टरनेटिव थैरेपी इन्स्टीटयूट, श्रीलंका।
प्रमुख सलाहकार: योग -साधना-आश्रम, बापू नगर।
प्रकाशित पुस्तकें: एक्यूप्रेशर (प्राण-पद्धति), एक्यूप्रेशर, Acupressure Therapy, The Acupulsure (Micro Acupressure), योगासन एवं प्राणायाम, एक्यूप्रेशर एवं आयुर्वेद, चुम्बकीय चिकित्सा, ग्वारपाठा महौषधि, अनुभूत चिकित्सा योग । वैकल्पिक चिकित्सा, स्वस्थ कैसे रहें (राज पत्रिका द्वारा प्रकाशित)।
आप राष्ट्रीय स्तर पर 'याग एवं एक्यूप्रेशर द्वारा जनचेतना कार्यक्रम' से जुड़े हुए है। डॉ. पीयूष त्रिवेदी के आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से अनेक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रसारित हो चुके हैं । आप द्वारा खोली गई माइक्रो एक्यूप्रेशर (एक्यूपेशर चिकित्सा) द्वारा रोगी को त्वरित हानिरहित एवं स्थायी लाभ मिल रहा है, यह चिकित्सक समाज को एक वरदान से कम नहीं।
वर्तमान में डॉ. त्रिवेदी एक्यूप्रेशर विभाग के अध्यक्ष के रूप में श्री धन्वन्तरि औषधालय जौहरी बाजार एवं रविन्द्र पाटनी चैरिटेबल ट्रस्ट, श्री टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, बापू नगर मैं अपनी निःशुल्क सेवाएँ विगत वर्षों से प्रदान कर रहे हैं।
राजस्थान प्रान्त की महामहिम राज्यपाल श्रीमती प्रतिभा पाटील द्वारा सम्मानित, गुजरात के महामहिम राज्यपाल पण्डित नवल किशोर शर्मा द्वारा सम्मानित एवं इनके द्वारा सन् 6 में विमोचन की गई पुस्तकें लिखी गई हैं।
विषय-सूची
1
ग्वारपाठा (Aloevera) क्या है?
1-13
2
वानस्पतिक नाम- सविला बारबाडेनसिंस मिल्लर व ऐलोवेरा
3
(Savila Barbadensis Miller & Aloevera)
4
ग्वारपाठे के मुख्य गुण
5
ग्वारपाठे के पोषक तत्त्व
6
ग्वाराठा का तुलनात्मक अध्ययन एवं आवश्यक तथ्य
7
(A Comprehensive Aloevera Study & Basic Concept)
8
(आनुसंधानात्मक दृष्टिकोण)
13
9
आयुर्वेद मतानुसार ग्वारापाठा
14-19
10
ग्वारपाठा रस का उपयोग
19
11
ग्वारपाठे के रस में प्राप्त होने वाले तत्त्व
20-24
12
कुछ अनुभूत प्रयोग एवं योग
21
कुछ अचूक एवं अनुभूत औषधीय गुण
25-40
14
पेट रोग और ग्वारपाठा
25
15
वात व्याधि और ग्वारपाठा
28
16
चेहरे की त्वचा पर होने वाले रोग और ग्वारपाठा
31
17
चर्म विकार और ग्वारपाठा
32
18
मधुमेह रोग और ग्वारपाठा
35
हृदयरोग और ग्वारपाठा
37
20
मोटापा और ग्वारपाठा
38
कैंसर रोग और ग्वारपाठा
39
22
विभिन्न रोगों में ग्वारपाठे का उपयोग
41-47
23
ग्वारपाठे के अन्य घरेलू प्रयोग
48-54
24
ग्वारपाठे के शक्तिवर्धक लड्डू
48
वातनाशक लड्डू
49
26
ग्वारपाठे का हलवा
27
ग्वारपाठे की सब्जी
ग्वारपाठे का चूर्ण
50
29
ग्वारपाठा की खेती
30
ग्वारपाठा के सम्बन्ध में विशिष्ट उपयोगी चर्चा,
52
राजस्थानी-ग्वारपाठे (Aloevera) का अचार
अपनी चिकित्सा आप करें
54
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