अभिभावकों एवं शिक्षकों से निवेदन
योग अपने व्यापक एवं विशद् स्वरूप के साथ भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। भारतीय चिंतन की निर्मल धारा सदा योगमय चिंतन से ओतप्रोत रही है।
योग का प्रभाव आज विश्व के मानव मस्तिष्क पर गहराई से पड़ चुका है। यद्यपि कहीं-कहीं इसके 'वास्तविक स्वरूप' को लेकर भी कई प्रकार की अज्ञानताएं हैं, जिनका निराकरण समय रहते हमारे द्वारा किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। व्यक्ति के व्यक्तित्व का परिष्कार हो अथवा परिवार, समाज, राष्ट्र का सुधार योग इसमें सदा आगे है। आज हमें अत्यन्त प्रसन्नता है कि विद्यालयी शिक्षा (कक्षा 1-12) हेतु हमारे द्वारा योग शिक्षा की पाठ्यपुस्तकें बच्चों के लिए तैयार कर ली गई हैं। बच्चे और उनका निराला बचपन प्रकृति की अनुपम देन है। वास्तव में बचपन एक स्वस्थ, सुखी, सरल-सहज एवं संस्कारवान् जीवन के शुरुआत की आधारशिला है। जिसे संवारने-सजाने का काम आप लोगों के ही हाथ में है। योग के स्वाध्याय, प्रशिक्षण एवं इन पाठ्यपुस्तकों के सहयोग से बच्चों को प्रारम्भ से ही योगमय परिवेश में पाला-पोसा जाए तो वे भविष्य में स्वस्थ सुन्दर तन-मन के साथ राष्ट्र निर्माण में सक्षम हो सकेंगे।
प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक 'खेल-खेल में योग' एवं 'आओ सीखें योग' प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। जिसमें दिए गए सरल एवं आकर्षक चित्रों के माध्यम से योग के संस्कार जगाने का कार्य किया गया है। यद्यपि इस स्तर पर योग की विषयवस्तु को तैयार करना एक कठिन कार्य है। तथापि योग अनुसंधानों के आधार पर बाल मनो-व्यवहार के अनुरूप विषयवस्तु को सरल रखने का प्रयास किया गया है । अत : आपसे अनुरोध है कि अध्याय पर शिक्षण देते समय शीघ्रता बिल्कुल न करें। बच्चों को क्रियात्मक अभ्यास कराते समय शारीरिक स्थिति (कमर, सिर, पीठ, गरदन, पैर, हथेली की आकृति), विधि का सूक्ष्म अवलोकन कर उन्हें सही-सही जानकारी देनी चाहिए। प्रत्येक योग शिक्षक को योग शिक्षण कराने में कोई परेशानी न हो इस हेतु एक 'योग संदर्शिका' भी तैयार की गई है, जिसका अनुशीलन आप लोग अवश्य कर लें। कक्षा 1-5 हेतु तैयार पाठयपुस्तकों का परिचय इस प्रकार है-आपसे हमारा विनम्र निवेदन है कि आपके सहयोग के बिना हम अकेले ही यह कार्य नहीं कर सकते हैं क्योंकि बच्चे आपके घरों एवं विद्यालयों में हैं। उनके अन्दर योग के संस्कार आप स्वयं एक जागरुक अभिभावक और नागरिक होने के नाते अभी से डाल सकते हैं। हमने आपको विषय-वस्तु उपलब्ध करा दी है, इसके माध्यम से यदि आपने योग को अपने बच्चों के दैनिक व्यवहार में उतार दिया, तो यही आपके जीवन का सबसे महान् कार्य होगा।
मुझे पूरा विश्वास है कि योगऋषि स्वामी रामदेव जी का स्वप्न (स्वस्थ भारत, रोगमुक्त विश्व) को साकार करने के लिए हमारे द्वारा मिलकर किया गया यह प्रयास आपके बच्चों, परिवार, समाज, राष्ट्र एवं विश्व के लिए मंगलमय होगा। योग की पाठ्यपुस्तकें एवं पाठ्यक्रम निर्माण में जिन सहृदय, कर्मठ एवं निष्ठावान् व्यक्तियों ने निरन्तर कार्यरत रहकर कार्य को पूर्णता प्रदान की है, उनमें डॉ० साधना डिमरी, डॉ० सुशिम दुबे एवं सहभागिता देने वाले मित्रों एवं लेखकों तथा सुन्दर चित्रावली एवं पृष्ठ सज्जा के लिए श्रीमती प्रियता राघवन एवं उनकी टीम के प्रति भी मैं कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ।
विषय-सूची
आगे बढ़ते जाना है प्रेरक गीत
7
1
सुनो कहानी सद्-व्यवहार, सन्तोष, लगन
9
एवं परिश्रम पर आधारित ।
13
2
योग में आहार योग में आहार की सामान्य जानकारी
21
3
सामान्य नियम बैठने एवं लिखने के सामान्य नियम
25
4
कुछ सरल व्यायाम करें कंधे, गर्दन, पीठ को स्वस्थ बनाने के लिए ।
33
5
कविता करते जो नित योगाभ्यास (कविता)
35
6
सूर्य-नमस्कार आसन निश्चित प्रक्रिया के साथ 12 आसन करना
43
आओ करें योगासन शशकासन, पद्मासन, सिंहासन,
44
हास्यासन, उष्ट्रासन, मकरासन- 1, मकरासन- 2
(ताड़ासन, पर्वतासन, वज्रासन-पूर्व कक्षा से)
8
आओ करें विश्राम शवासन में श्वसन पर रोचक गतिविधियाँ ।
55
हाथों से बनाएँ मुद्राएँ हस्तमुद्राएँ-पद्ममुद्रा, ज्ञानमुद्रा
59
10
आओ गिनें सांसें श्वसन पर रोचक गतिविधियों
67
द्वारा प्राणायाम हेतु तैयार करना ।
11
प्राणायाम अनुलोम-विलोम, उज्जायी
71
12
आओ मने ध्वनियाँ ध्यान द्वारा स्मरण विकास
79
यौगिक खेल
83
1. आसन का नाम बताना
2. बूझो और बताओ
शब्दकोश
84
For privacy concerns, please view our Privacy Policy
Asana (92)
Bhakti Yoga (20)
Biography (49)
Hatha Yoga (79)
Kaivalyadhama (58)
Karma Yoga (31)
Kriya Yoga (69)
Kundalini Yoga (56)
Massage (2)
Meditation (319)
Patanjali (133)
Pranayama (65)
Women (32)
Yoga For Children (12)
Send as free online greeting card
Email a Friend
Manage Wishlist