डॉ. ध्रुवजी पाण्डेय मूलतः ग्राम व पोस्ट कैथी, (मारकण्डेय महादेव) वाराणसी के रहने वाले है। आप मीरजापुर शहर में स्थित जी. डी. बिनानी पी. जी. कालेज में प्रोफेसर राजनीति विज्ञान के रुप में 1991 से आजावधि तक सेवारत है। आप बचपन से ही जिज्ञासु प्रवृति के साधक रहे है। आप सन्तो एवं आध्यात्मिक चेतना से गहरे रुप में जुड़े है। आपके पूज्य गुरुदेव स्वामी सुदर्शन दास जी महाराज (खप्पर बाबा) रहे है। आपने इसके पूर्व "भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन एवं भारत का संविधान" नामक पुस्तक भी लिखा है। आपकी राजनीति विज्ञान विषय से सम्बन्धित पुस्तक "भारत में राजनीतिक प्रक्रिया" शोध प्रकाशित होने जा रही है। लेखक राजनीति विज्ञान पर भी विशेष पकड़ रखते है। आपकी पत्नी डॉ. सुनीता पाण्डेय संस्कृत व्याकरण की विद्वान है। डॉ. सुनीता पाण्डेय सुन्दर-मुन्दर जायसवाल नगर पालिका बालिका इन्टर कालेज मीरजापुर की प्रधानाचार्य भी है। आपकी एक अग्रेंजी भाषा में लिखी जा रही पुस्तक "The Science of Consxiusnese and Maharshi Arvindo" प्रकाशानाधीन है।
प्रो. प्रेमचन्द यादव ने अपनी प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा पैतृक गाँव से प्राप्त करने के बाद स्नातक एव स्नातकोत्तर (राजनीति विज्ञान) की शिक्षा काशी विद्यापीठ वाराणसी से पूर्ण करने के पश्चात राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. की मानद उपाधि सन् 1999 में प्राप्त किया। सन् 2000 से असि. प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवा की शुरूआत वी.एन.के.वी.पी.जी. कॉलेज, अकबरपुर, अम्बेडकर नगर से किया लगभग 22 वर्षों तक शिक्षक रहते नवम्बर 2021 से डी.ए.वी.पी.जी. कॉलेज आजमगढ़ में आयोग से चयनित प्राचार्य के रूप में सेवारत हूँ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरुप राजनीतिशास्त्र विषय के पाठ्य सामग्री में नवोन्मेषी पाठ्यक्रम जुड़ना प्रासंगिक था। फलतः बी.ए. की कक्षाओं में यह पाठ्यक्रम प्रकाश में आया। समाज विज्ञान के अन्तर्गत राजनीतिशास्त्र विषय का विशेष महत्व माना जाता है। भारत का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र को राजनीति एवं इतिहास दोनों ही अत्यधिक समृद्ध एवं वैविध्यपूर्ण करते है। भारत जाति, धर्म, पंथ क्षेत्रीयता, भाषा की विविधता, संस्कृति की विशालता वाला देश है। इस प्रकार इसमें 'राजनीतिक प्रक्रिया' का अध्ययन इसे और भी अधिक गौरवशाली बना देता है। पुस्तक की पाठ्य सामग्री व्यावहारिक राजनीतिक ज्ञान से भरी हुई है। यह पुस्तक स्नातक छात्रों के लिये विशेष लाभप्रद होगी। मैं इस सराहनीय कार्य के लिये लेखक डॉ. ध्रुवजी पाण्डेय एवं प्रो. प्रेमचन्द यादव जी को अत्यन्त स्नेह एवं आशीर्वाद प्रदान करता हूँ।
भारत का लोकतंत्र दुनियाँ का सबसे बड़ा लोकतंत्र इसलिए नही है कि यह बड़ी आबादी अथवा जनसंख्या वाला देश है। भारत संस्कृत, सभ्यता, कला, साहित्य, राजनीतिक अवसरवादिता सामाजिक विकृति एवं समरता, गठनजोड़ बहु राजनीतिक दल प्रणाली गैर राजनीतिक संस्थाओं का भारतीय राजनीति पर प्रभाव तथा भारतीय राजनीति की दिशा एवं दशा बदलने की क्षमता रखने वाले जातिगत दल एवं संगठन आदि से परिपूर्ण विशालतम् लोकतंत्र है। "भारत में राजनीति प्रक्रिया" उपरोक्त सभी विन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए पाठ्य सामग्री को रोचक बना देती।
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